पहाड़ में कई सालों के बाद बनते हैं ऐसे गीत, इस बार बीके सामंत ने दिल जीत लिया..देखिए वीडियो
‘डुबी जाला घर द्वार, डुबी जाला खेत, डांडा-कांणा बाटा सब होलि बस रेत’ जैसे शब्दों से सजा गीत बेहद मार्मिक बन पड़ा है। गीत में बांध परियोजनाओं का वो पहलू दिखाया गया है, जिसकी अक्सर अनदेखी कर दी जाती है।