उत्तराखंड हरिद्वार12 illegal madrasas sealed in Haridwar

हरिद्वार: पुलिस-प्रशासन ने सील किए 12 अवैध मदरसे, बिना किसी परमिशन हो रहे थे संचालित

प्रशासन द्वारा अवैध संस्थानों की जांच के लिए लगातार अभियान जारी किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी ने अभिभावकों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों को केवल मान्यता प्राप्त और नियमों के अनुसार चलने वाले संस्थानों में ही पढ़ाई के लिए भेजें।

Illegal Madrasas Sealed: 12 illegal madrasas sealed in Haridwar
Image: 12 illegal madrasas sealed in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: पुलिस प्रशासन ने हरिद्वार में 12 अवैध मदरसे सील किए हैं। इस दौरान कुछ लोगों ने प्रशासन का विरोध भी किया है, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक नहीं चल पाएगी। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक हरिद्वार जिले में 79 मदरसे सील किए जा चुके हैं।

12 illegal madrasas sealed in Haridwar

बीते बुधवार को उप जिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार के नेतृत्व में तहसील प्रशासन और पुलिस विभाग ने हरिद्वार में आठ अवैध मदरसों को सील किया। इसके साथ ही, SDM और तहसीलदार के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने चार अन्य अवैध मदरसों को भी सील किया। ये सभी मदरसे बिना पंजीकरण, बिना मान्यता और भूमि उपयोग की अनुमति के संचालित हो रहे थे। इसके अतिरिक्त, कुछ मदरसों में आवश्यक व्यवस्थाओं की कमी और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मानकों का गंभीर उल्लंघन भी पाया गया।

मदरसा संचालकों ने किया विरोध

रुड़की में शासन ने निर्देश दिए हैं कि बिना पंजीकरण के संचालित होने वाले सभी मदरसों को सील किया जाएगा। बुधवार को उप जिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान और तहसीलदार विकास अवस्थी के नेतृत्व में कानूनगो सुशील कुमार और पंकज सैनी पाडली गेंदा गांव पहुंचे और वहां एक मदरसे को सील किया। जहाँ मदरसा संचालकों ने इसका विरोध किया, लेकिन प्रशासन की सख्ती के आगे उनकी बात नहीं मानी गई।

अवैध संस्थानों की जांच जारी

उपजिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार ने कहा कि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से चल रहे किसी भी संस्थान को नहीं छोड़ा जाएगा। प्रशासन द्वारा ऐसे संस्थानों की जांच के लिए लगातार अभियान जारी रहेगा। उन्होंने अभिभावकों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों को केवल मान्यता प्राप्त और नियमों के अनुसार चलने वाले संस्थानों में ही पढ़ाई के लिए भेजें।