उत्तराखंड टिहरी गढ़वालthrough free coaching this uttarakhand police officer provide employment to hundreds of students

उत्तराखंड पुलिस के अफसर का नेक काम, युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग

उत्तराखंड पुलिस के इंस्पेक्टर आरके सकलानी पिछले ढाई साल से आस-पास के गांवों के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं। वो अब तक करीब 600 युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा चुके हैं...

उत्तराखंड पुलिस: through free coaching this uttarakhand police officer provide employment to hundreds of students
Image: through free coaching this uttarakhand police officer provide employment to hundreds of students (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: पुलिस की छवि को लेकर ज्यादातर नकारात्मक बातें ही सुनने को मिलती हैं, पर उत्तराखंड पुलिस में ऐसे कई पुलिसकर्मी हैं जो वर्दी के साथ-साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह निभा रहे हैं। एक ऐसी ही तस्वीर नई टिहरी में देखने को मिली, जहां एक इंस्पेक्टर क्षेत्र की सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद करने के साथ ही भविष्य के अफसर भी तैयार कर रहा है। इनका नाम है आरके सकलानी, मुनि की रेती थाना के प्रभारी निरीक्षक हैं। इंस्पेक्टर आरके सकलानी पिछले ढाई साल से आस-पास के गांवों के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं। वो अब तक नरेंद्रनगर, मुनि की रेती और उसके आस-पास के गांवों में रहने वाले करीब 600 युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा चुके हैं। प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी के दिन की शुरुआत अनोखी पाठशाला से होती है। वो ऋषिकेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ सेना, पुलिस और सैन्य बलों में भर्ती की तैयारी कराते नजर आते हैं। आगे जानिए कि आखिर ये अफसर ऐसा क्यों कर रहे हैं।

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इस मिशन की शुरुआत की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। आरके सकलानी मूलरूप से टिहरी के हवेली गांव के रहने वाले हैं। आजादी के बाद उनके पूर्वज देहरादून के पॉवाला सौड़ा गांव में बस गए, वहां पर खेती-किसानी करने लगे। आरपी सकलानी का बचपन भी खेतों के बीच गुजरा। उन्होंने अपने स्तर पर ही पढ़ाई की और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे। बीएड और बीटीसी किया। साल 2002 में वो उत्तराखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर चुन लिए गए। हालांकि इससे पहले उनका चयन अल्मोड़ा राजकीय इंटर कॉलेज अगरपुर के लिए भी हुआ था, पर समाज की बेहतरी के लिए उन्होंने पुलिस सेवा में जाने का फैसला किया। अधिकारी बनने का सपना देखने वाले आरके सकलानी खुद किसी बेहतर संस्थान में कोचिंग नहीं ले पाए, पर पुलिस सेवा में जाने के बाद उन्होंने गांव के बच्चों के सपनों को पूरा करने का जिम्मा उठाया। मुहिम की शुरुआत साल 2018 में हुई। नरेंद्रनगर में तैनाती के दौरान वो नगर पालिका के बारातघर में छात्रों को निशुल्क कोचिंग देने लगे। आस-पास के लगभग सौ छात्र-छात्राओं को सुबह 8 बजे से साढ़े नौ बजे तक कोचिंग देते थे। बाद में उनका ट्रांसफर मुनि की रेती थाने में हो गया। जहां वो आज भी छात्रों को निशुल्क कोचिंग देकर भविष्य के अफसर तैयार कर रहे हैं। वो छात्रों को प्रतियोगी पुस्तकें भी उपलब्ध कराते हैं...आरपी सकलानी जैसे पुलिसकर्मियों को राज्य समीक्षा का सलाम। पहाड़ को उनके जैसे अधिकारियों की जरूरत है, ऐसे कर्मठ लोगों की कहानियों को मंच मिलना चाहिए, प्रोत्साहन मिलना चाहिए, हमारी ये कोशिश आगे भी जारी रहेगी।