पौड़ी गढ़वाल: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर बसा कोटद्वार...इसे गढ़वाल का द्वार कहा जाता है। ये जगह कण्व ऋषि की तपस्थली रही। देश का नाम जिस राजा भरत के नाम पर भारत पड़ा, उनका जन्म यहीं हुआ था। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध इस शहर में दाखिल होते ही आपको उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन होने लगते हैं। यहां के रेलवे स्टेशन की दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग्स बनी दिखती हैं, जिनमें पहाड़ की समृद्ध संस्कृति नजर आती है। कोटद्वार के रेलवे स्टेशन का अपना ऐतिहासिक महत्व है। कोटद्वार रेलवे स्टेशन में बनी पेंटिग्स ने स्टेशन को नया रूप दिया है, साथ ही ये देश के सबसे स्वच्छ और सुंदर स्टेशनों की लिस्ट में भी शामिल हो गया है। रेलवे मिनिस्ट्री ने खुद इस रेलवे स्टेशन की तारीफ की। यहां बनी पेंटिंग्स को सराहा। दो महीने पहले तक कोटद्वार रेलवे स्टेशन देश के दूसरे आम रेलवे स्टेशनों की तरह था, पर आज ये भारतीय रेल की ऑफिशियल वेबसाइट और रेल मंत्रालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाया हुआ है। रेलवे स्टेशन को जिन पेंटिंग्स के लिए वाहवाही मिल रही है, उसका क्रेडिट रेलवे को नहीं बल्कि युवाओं की संस्था वॉल ऑफ काइंडनेस को जाता है। संस्था से जुड़े युवा सामाजिक कार्यों में विशेष योगदान दे रहे हैं। आगे देखिए तस्वीरें