पौड़ी गढ़वाल: प्रदेश में होमस्टे योजना को बढ़ावा मिल रहा है। नए होम स्टे अस्तित्व में आ रहे हैं, जिससे पर्यटन बढ़ा है, और रोजगार भी। कुछ दिन पहले पौड़ी के खिर्सू में होमस्टे ‘बासा’ (home stay in pauri garhwal) की स्थापना हुई। अब ‘बासा’ की तर्ज पर जिलों की वन पंचायतों में भी छोटे-छोटे होम स्टे बनाए जाएंगे। इसके लिए नौ गांवों के वन पंचायत सरपंचों ने नगर पालिका को प्रस्ताव भेजा है। वन पंचायतों में होमस्टे बनने से पर्यटकों को काफी सुविधा मिलेगी। वो इन स्थानों पर रुक सकेंगे। गांव के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, जिससे गांवों से पलायन घटेगा। जिले के नौ गांवों के वन पंचायत सरपंच इस काम के लिए आगे आए हैं। उन्होंने होम स्टे बनाने के लिए नगर पालिका पौड़ी को प्रस्ताव दिया है। नगर पालिका परिषद पौड़ी ने भी मंजूरी दे दी है। जल्द ही वन पंचायत की भूमि पर नगर पालिका पौड़ी की तरफ से छोटे-छोटे होम स्टे बनाए जाएंगे। जिससे पौड़ी को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
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नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने कहा कि नगर पालिका परिषद की तरफ से सभी वन पंचायतों में होमस्टे (home stay in pauri garhwal) बनाए जाएंगे। इससे पौड़ी आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और जिलाधिकारी पौड़ी के प्रयासों से खिर्सू में बना होमस्टे पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ देश-विदेश में भी प्रसिद्ध हो रहा है। अब नगर पालिका की तरफ से वन पंचायतों में होमस्टे बनाए जाएंगे। पौड़ी के विकास के लिए वन पंचायतें और प्रशासन मिलकर काम करेंगे। होमस्टे बनने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ा जाएगा।