उत्तराखंड देहरादूनRera authority fined builder company in Dehradun

देहरादून में बिल्डर पर लगा 1 करोड़ का जुर्माना, ग्राहक को वक्त पर नहीं दिया था फ्लैट

रेरा ने हेक्टर रियेलिटी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड बिल्डर पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया है। बिल्डर को जुर्माना भरने के साथ ही ग्राहक से ली गई 29 लाख रुपये की धनराशि ब्याज समेत वापस लौटानी होगी...

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Image: Rera authority fined builder company in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: अपने घर का सपना हर कोई देखता है, पर इसे पूरा कर पाना इतना आसान नहीं है। अपने फ्लैट के लिए पूरी रकम देने के बावजूद लोगों को किराये के घर में रहना पड़ता है, जिसकी अहम वजह है बिल्डरों की मनमानी। फ्लैट बेचते वक्त बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, समय पर फ्लैट देने का वादा किया जाता है, लेकिन वादे निभाए नहीं जाते। अब ऐसा नहीं चलेगा। रेरा प्राधिकरण ने ऐसे बिल्डरों को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है। देहरादून में उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने बिना पंजीकरण के फ्लैट बेचने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने हेक्टर रियेलिटी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बिल्डर के नाम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि डेढ़ महीने के भीतर अदा करनी होगी। ऐसा ना होने पर रेरा अथॉरिटी बिल्डर के खिलाफ आरसी कार्रवाई के रूप में जुर्माना वसूलने की कार्रवाई करेगी। रेरा ने उत्तराखंड में मकान खरीद-फरोख्त, अपार्टमेंट, फ्लैट के मामले में बिल्डर पर अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना लगाया है।

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बिल्डर के खिलाफ पुष्पा गुप्ता नाम की महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। मध्य प्रदेश की रहने वाली पुष्पा ने फरवरी 2017 में हेक्टर रियेलिटी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड बिल्डर को हरिद्वार मारवेला सिटी प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने के लिए 29 लाख रुपये बुकिंग अमाउंट के तौर पर दिए थे, लेकिन बिल्डर ने तय समय पर कब्जा नहीं दिया। अब रेरा ने बिल्डर पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ अगले 45 दिनों के भीतर 29 लाख रुपए की धनराशि 10 से 15 प्रतिशत ब्याज के साथ ग्राहक को वापस देने का आदेश भी दिया है। आपको बता दें कि रुड़की, हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जैसे कई जिलों में बिल्डर ग्राहकों की आंखों में लगातार धूल झोंक रहे हैं, उनके साथ फर्जीवाड़े के मामले बढ़े हैं। हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा डिफाल्टर बिल्डर्स हैं। रेरा ने इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन अब भी कई डिफॉल्डर बिल्डर्स रेरा प्राधिकरण के शिकंजे से बचे हुए हैं।