देहरादून: केदारनाथ यात्रा Kedarnath yatra शुरू होने वाली है। 29 अप्रैल का दिन तय हुआ है, एक तरफ प्रशासन यहां यात्रा की तैयारियों में जुटा है तो वहीं यूसैक ने केदारनाथ यात्रा मार्ग को लेकर खतरनाक संकेत दिए हैं। यूसैक इसरो की नोडल एजेंसी है। इस एजेंसी ने केदारनाथ के नए मार्ग पर एवलांच का खतरा बताया है। बता दें कि साल 2013 में केदारनाथ यात्रा का पारंपरिक यात्रा मार्ग तबाह हो गया था। बाद में नया रास्ता तैयार किया गया। केंद्र सरकार इस क्षेत्र में पुनर्निर्माण कार्य करा रही है। पीएम मोदी इन निर्माण कार्यों की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अब यहां जो नया Kedarnath yatra मार्ग बनाया गया है, उसकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ने इस मार्ग पर एवलांच यानि हिमस्खलन का खतरा बताया है। यूसैक के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने इस संबंध में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के.विजय राघवन के सामने एक प्रजेंटेशन रिपोर्ट पेश की। जिसमें बताया कि केदारपुरी क्षेत्र में सात बड़े एवलांच जोन हैं। गौरीकुंड क्षेत्र भी सुरक्षित नहीं है, यहां भी कई छोटे एवलांच जोन हैं। डॉ. बिष्ट ने और क्या कहा, ये भी बताते हैं। आगे पढ़िए