उत्तराखंड अल्मोड़ाCoronavirus Uttarakhand:Pahadi people obeying rules while uttarakhand lockdown

उत्तराखंड: लॉकडाउन को निभाने में पहाड़ के लोग सबसे आगे, शहरों ने खाई मात..देखिए आंकड़े

24 से 31 मार्च तक लगे लॉकडाउन के आंकड़े आ चुके हैं। जो जागरूकता और सहनशीलता पहाड़ के लोगों ने दिखाई है वो काबिल ए तारीफ है। आप भी पढ़ लीजिए ये आंकड़े

Coronavirus Uttarakhand: Coronavirus Uttarakhand:Pahadi people obeying rules while uttarakhand lockdown
Image: Coronavirus Uttarakhand:Pahadi people obeying rules while uttarakhand lockdown (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: उत्तराखंड में आयी मुसीबतों और टेंशन के बीच से पहाड़ियों से दिल को राहत देने वाली खबर आई है। जब पूरा देश लॉकडाउन से गुजर रहा है और सरकार जनता ये उम्मीद कर रही है कि इस निर्देश का उल्लंघन न हो, तो इस उम्मीद पर पहाड़ी जिलों के लोग खरे उतरे हैं। हमने लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर काफी खबरे पढ़ीं है, लोगों की गिरफ्तारी के भी मामले सामने आए हैं। इन पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों ने जागरूकता के मामले में सबको पछाड़ दिया है और उदाहरण पेश किया है। लोगों का जागरूक रहना बेहद ज़रूरी है ये साबित किया है पर्वतीय इलाकों में रह रहे लोगों ने। वहीं दूसरी ओर नियमों के उल्लंघन में उधमसिंह नगर कुल 106 केस के साथ सबसे आगे रहा। अर्थात यहां 31 मार्च तक कुल 106 एफआईआर दर्ज हुई हैं। आगे हम आपको अकेले कुमाऊं मंडल के 24 मार्च से 31 मार्च तक के आंकड़े दिखा रहे हैं। देखिए

  • अनुशासन के मामले में नंबर-1 पहाड़ी

    Pahadi people obeying rules while uttarakhand lockdown
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    आंकड़ो के मुताबिक 24 से 31 मार्च तक के लगे लॉकडाउन में कुमाऊं के पहाड़ी जनपदों के लोगों ने शिकायत का सबसे कम मौका दिया है और लॉकडाउन के नियमों को फॉलो करने में सबसे अधिक योगदान दिया। आंकड़ों की बात करें तो अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत जिले में 31 मार्च कर्फ़्यू का पालन न करने पर 75 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।

  • शहर खा रहे हैं मात

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    वहीं दूसरी ओर अकेले उधमसिंह नगर में 106 केस इस दौरान दर्ज किए गए जबकि नैनीताल में 69 मामले दर्ज हुए हैं। कुमाऊं में कुल मिला कर 250 मुकदमे दर्ज हुए हैं और 440 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। डीआईजी कार्यालय के मुताबिक 31 मार्च तक बागेश्वर जिले में कुल तीन केस दर्ज हुए हैं। पहाड़ी इलाकों में रहने वाली जनता ने अपने संयम और देशप्रेमी का अनूठा उदाहरण उत्तराखंड वालों को दिया है।