उत्तराखंड देहरादूनNo Entry for outsiders in Doiwala Dehradun due to Coronavirus

देहरादून के डोईवाला में लोगों ने शुरू की जबरदस्त पहल, बाहर के लोगों की अब NO ENTRY

डोईवाला के ग्रामीण निवासियों ने कोरोनावायरस से बचने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है, ग्रामीणों ने किसी भी बाहरी व्यक्ति के गांव में आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पूरी खबर पढ़िए...

Coronavirus Dehradun: No Entry for outsiders in Doiwala Dehradun due to Coronavirus
Image: No Entry for outsiders in Doiwala Dehradun due to Coronavirus (Source: Social Media)

देहरादून: कहते हैं कि शहरों में पढ़े-लिखे लोग रहते हैं जो आसपास की हो रही घटनाओं से वाकिफ रहते हैं और उनको लेकर जागरूक भी होते हैं। अब जब यह जागरूकता दिखाने का समय आया है और देश के ऊपर भारी संकट आन पड़ा है, हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है, तब हम देखते हैं कि शहर के लोग अपने जिम्मेदारियों के प्रति जरा भी जागरूक नहीं है। यह मंज़र उत्तराखंड में देख सकते हैं। शायद तभी उत्तराखंड शहर की सड़कों पर बहुत से केस देखने को मिल रहे हैं जो लॉकडाउन में भी यहां-वहां बेमतलब में घूमते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस के प्रति ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोग जागरूक है। उनको पता है कि यह बीमारी जानलेवा है, इसलिए अगर बाहर से कोई भी व्यक्ति उनके गांव में आता है तो वे सावधान हो जाते हैं और उस व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच की मांग करते हैं। उत्तराखंड के जाने कितने ही ऐसे गांव हैं, जो दिन-प्रतिदिन शहरों के सामने मिसाल कायम कर रहे हैं। अपनी समझदारी और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरुकता में गांव के लोग शहरों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। ऐसे ही प्रेरणादायक खबर आई है ग्राम डोईवाला से। डोईवाला के ग्रामीण निवासियों ने कोरोनावायरस से बचने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है जो कि प्रेरणादायक है।

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कोरोनावायरस के खौफ और बढ़ते हुए केस को देखते हुए डोईवाला के ग्रामीणों ने अनूठी पहल की शुरुआत की है जिसमें उन्होंने अपने इलाके को इस जानलेवा संक्रमण से बचाने के लिए बाहर से आ रहे लोगों की एंट्री बंद कर दी है। इसके लिए उन्होंने पुलिस से किसी भी प्रकार की मदद नहीं ली है, वह खुद ही अपना बचाव कर रहे हैं। डोईवाला के माधोवाला की मुख्य सड़कों पर हमेशा कोई ना कोई ग्रामीण पहरा दे रहा है। गांव में आने वाली सड़कों पर बैरिकेडिंग भी लगा दिए गए हैं, और गांव वालों की मर्जी के खिलाफ कोई भी गांव में एंट्री नहीं कर सकता। साथ ही कालूवाला के ग्राम पंचायत पंकज रावत ने भी अपने गांव भगलाना तिराहे के पास मुख्य मार्ग पर ग्रामीणों को तैनात कर दिया है। इस लॉक डाउन के अंदर गांव के सभी मार्गों और रास्तों को बंद कर दिया गया है और बैरियर पर चेतावनी संबंधी पोस्टर भी लगा दिए गए हैं। पोस्टरों में साफ-साफ 'नो एंट्री' लिखा गया है। गांव के अधिवक्ता महेश लोधी और संजय लोधी से बातचीत के दौरान यह पता लगा के गांव वालों ने अपनी सहमति से पूरे गांव में प्रवेश बंद करने का निर्णय लिया है ताकि विकट परिस्थिति में गांव वालों को कोई जोखिम न हो और बाहर से आने वाले व्यक्ति से उन्हें कोई संक्रमण ना हो। विकट परिस्थिति में भी जागरुकता का उदाहरण देने वाले डोईवाला गांव बहुतों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुका है।