टिहरी गढ़वाल: और इसके साथ ही उत्तराखँड के संगीत जगत का ध्रुव तारा चला गया। टिहरी गढ़वाल के कमल नयन डबराल जी का ये वीडियो आज आपको जरूर देखना चाहिए। प्रतिभा और कलम के धनी कमल नयन डबराल जी का दिल्ली में निधन हो गया। लेकिन अपने पीछे वो कई यादें छोड़ गए हैं। उत्तराखंडी संगीत का उन्होंने अविस्मरणीय ताना-बाना बुना था। उनका यूं चले जाना बेहद दुखद है, हमारा बचपन उनके गीतों को सुनते सुनते गुज़रा है। उनके कालजयी गीत “खित खित् नि हैसणु कमला, अब तू हवेगे ज्वान कमला"...इस गीत ने बुलंदियों को छुआ था। पोसतू का छुमा मेरी भग्यानी बौ, सियाराम हुंगरालू बाग, कुसुम्बा कोलेण, छुयुं छुयूं मां और ना जाने कितने ऐसे गीत हैं, जिन्हें कमल नयन डबराल ने अपने सुरों से जाया था। आखिरी बार राज्य समीक्षा की टीम ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की थी।
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उत्तराखंड के इस बेमिसाल गीतकार की आवाज अब हमारे दिलों में जिंदा रहेगी। कमल नयन डबराल जी की बिटिया भी अद्भुत प्रतिभा की धनी हैं। सरोजनी डबराल यानी सरू डबराल एक बेहतरीन पेंटर हैं। राज्य समीक्षा की ओर से इस अद्भुत लोकगायक को शत शत नमन...ये वीडियो देखिए