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देहरादून में कोरोना से सबसे ज्यादा केस, फिर भी ऑरेंज जोन में क्यों ?..जानिए इसका जवाब

देहरादून में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले, फिर भी ऑरेंज जोन में? मुख्य सचिव ने बताई वजह..

Dehradun coronavirus: why dehradun put into orange zone
Image: why dehradun put into orange zone (Source: Social Media)

देहरादून: राजधानी देहरादून। यहां कोरोना संक्रमण के 33 केस सामने आए हैं, इसके बावजूद देहरादून ऑरेंज जोन में कैसे पहुंचा? ये सवाल आपके मन में भी होगा। इस सवाल का जवाब मुख्य सचिव ने दिया है...
लॉकडाउन के चलते जिंदगी की रफ्तार मानों थम सी गई है। सोमवार से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो जाएगा। हालांकि ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में शामिल जिलों को कई छूट मिली हैं, यहां धीरे-धीरे ही सही जिंदगी रफ्तार पकड़ने लगी है। बात करें राजधानी देहरादून की तो ये अभी ऑरेंज जोन में है। प्रदेश के दस जिले ग्रीन जोन में हैं। देहरादून और नैनीताल ऑरेंज जोन में है, जबकि जिस एकमात्र जिले को रेड जोन घोषित किया गया है वो है हरिद्वार। अब ये सवाल आपके मन में भी जरूर होगा कि देहरादून को ऑरेंज जोन में कैसे जगह मिल गई? जबकि कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले इसी जिले में मिले हैं। यहां कोरोना संक्रमण के 33 मामले सामने आए हैं। इस सवाल का जवाब मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शनिवार को हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में दिया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में जिलों को चार अलग-अलग मानक के आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा है।

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उत्तराखंड के जिलों को भी तीन कैटेगरी में बांटा गया है। जिलों की कैटेगरी में एक्टिव केस एक मानक जरूर है, लेकिन इसके अलावा तीन और मानक हैं जो कि कैटेगरी निर्धारित करते हैं। इन मानकों में टेस्टिंग, संक्रमण फैलने की रफ्तार के साथ-साथ अन्य संसाधनों को भी ध्यान में रखा जाता है। मौजूदा स्थिति के आधार पर देहरादून ऑरेंज जोन में है। उम्मीद है अगले हफ्ते तक देहरादून की स्थिति और बेहतर होगी। आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय हर हफ्ते कोरोना संक्रमित मामलों का आंकलन कर जिलों की श्रेणी तय करता है। अगर किसी जिले में संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो वह जिला दोबारा से रेड जोन की कैटेगरी में आ सकता है। कोरोना संक्रमण के आधार पर तय किए जोन के मानकों में कुछ बदलाव भी किया गया है। 28 दिन की अवधि को घटा कर अब 21 दिन कर दिया गया है।