उत्तराखंड ऋषिकेशRishikesh aiims padma shree doctor ravikant about coronavirus

उत्तराखंड: पद्मश्री अवॉर्डी डॉक्टर ने कोरोना को लेकर की बड़ी भविष्यवाणी..पढ़िए और अलर्ट रहिए

एम्स ऋषिकेश के निदेशक डॉक्टर रविकांत (padma shree doctor ravikant) ने कहा है कि कोरोना का खात्मा अभी नहीं हो सकता है। जानिए उन्होंने क्या क्या बातें देश को बताई हैं।

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Image: Rishikesh aiims padma shree doctor ravikant about coronavirus (Source: Social Media)

ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश के निदेशक व पद्मश्री सम्मान प्राप्त डॉ. रविकांत (padma shree doctor ravikant) ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं होने वाला है इसलिए हमें इसी के साथ जीना पड़ेगा। राज्य में अबतक कोरोना के 67 आंकड़े पाए गए हैं। भारत मे 50 हजार से अधिक मामले हो चुके हैं। हालात बहुत गम्भीर हैं और आगे और ज्यादा गम्भीर होने की पूरी-पूरी संभावना है। मगर गौर से सोचें तो इस संक्रमण की वजह से लॉकडाउन में इंसान कब तक रहेगा। कभी न कभी तो बाहर निकलना ही पड़ेगा। वरना अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी, लोग बेरोजगार हो जाएंगे। ऐसे में कहीं न कहीं डॉक्टर रविकांत की बात ठीक साबित होती दिखती है। डॉक्टर रविकांत कहते हैं कि अभी कोरोना खत्म होने का सवाल ही नहीं है। हां प्रयास से इसके आंकड़े जरुर कम हो सकते हैं मगर अभी एक दो साल तक हमें अपनी सभ्यता में सुधार करना होगा। नियमों का पालन करना होगा। सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा।

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एम्स के निदेशक (padma shree doctor ravikant) ने बताया कि मरीजों के लिए एम्स ऋषिकेश में 340 बेड्स हैं। व्यवस्था एकदम पुख्ता है और एम्स के डॉक्टर्स एवं सभी कर्मचारियों इस कठिन समय में धैर्य का प्रदर्शन कर रहे हैं जो कि प्रशंसनीय है। साथ ही निदेशक ने बहुत ही जरूरी बातें बताई हैं जिनका ख्याल रख कर खुद को इस संक्रमण से बचाया जा सकता है।
1-मास्क के बगैर घर से बाहर न निकलें।
2- सामाजिक दूरी का ध्यान रखें
3- समय-समय पर हाथ धोएं
4- घर पर वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था करें।
5- खाने में सब्जियां और फलों का अधिक से अधिक सेवन करें।
6-छींकते समय कंधे की ओर छीकें।
एम्स के निदेशक ने यह भी बताया कि कोरोना के 95 प्रतिशत केस अपने आप बिना किसी डॉक्टर की सहायता के आइसोलेशन में रहने से ठीक हो जाते हैं। बस उनको किसी के संपर्क में आने से बचना होगा। लोगों को अब अपने रोजमर्रा की आदतों में सुधार करना होगा, सावधानी बरतनी होगी और कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी क्योंकि इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है।