उत्तराखंड अल्मोड़ाResearch about coronavirus in india

ये सिर्फ शुरूआत है..जून में ब्लास्ट होगा कोरोना बम, शोधकर्ताओं ने दी बहुत बड़ी चेतावनी

भारत में कोरोना संक्रमण के अब तक 125101 मामले सामने आए हैं। 3720 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है कोरोना, लेकिन हालात अब भी कंट्रोल में आते नहीं दिख रहे, इस लेकर अब वैज्ञानिकों ने डराने वाली बात कही है....

Coronavirus in uttarakhand: Research about coronavirus in india
Image: Research about coronavirus in india (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: कोरोना...दहशत का दूसरा नाम। छह महीने पहले तक किसने सोचा था कि एक वायरस पूरी दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा देगा। ऐसा वायरस जो आंखों से दिखता भी नहीं है, पर अब हर दिन हजारों की जान ले रहा है। भारत में कोरोना संक्रमण के अब तक 125101 मामले सामने आए हैं। 3720 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है कोरोना, लेकिन हालात अब भी कंट्रोल में आते नहीं दिख रहे। वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाला वक्त हमारे लिए और मुसीबत लेकर आएगा। बिजनेस स्टेंडर्ड की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं की एक टीम का कहना है कि 21 से 28 जून के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के हर दिन सात हजार से साढ़े सात हजार मामले सामने आएंगे। चीन से शुरू हुई ये महामारी 215 देशों को अपनी चपेट में ले चुकी है। जिस शोध के बारे में हम आपको बता रहे हैं। भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड द्वारा मंजूर गणितीय प्रारूप पर अध्ययन में कोविड-19 के मामले से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया गया । आगे पढ़िए

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यादवपुर यूनिवर्सिटी की टीम में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते तक देश में कोरोना के पांच लाख मामले होने का अनुमान है, बाद में इसमें गिरावट आने लगेगी। वरिष्ठ शोधकर्ताओं ने ये भी कहा है कि संक्रमण रोकना है तो हमें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जारी रखना होगा। संक्रमण रोकने के लिए बेहतर उपाय किए गए तो अक्टूबर तक मामले कम हो जाएंगे। बात करें उत्तराखंड की तो यहां भी हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए टीम ने कुछ सुझाव भी दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हर किसी को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है, जब खांसी-जुकाम या बुखार हो तब मास्क पहनें। बुखार या सांस लेने में परेशानी होने पर जांच कराएं। खांसते, छीकते या बीमार व्यक्ति को हाथ लगाने के बाद साबुन और पानी से हाथों को अच्छी तरह धोएं। कूड़ा उठाने और बाहर से आने के बाद भी ऐसा ही करें। छींकते-खांसते समय नाक और मुंह को कवर कर के रखें। इस्तेमाल किए गए टिश्यू को बंद कूड़ेदान में फेंकें। जिन लोगों में फ्लू जैसे लक्षण हों उनके करीब जाने से बचें। बीमार पशु का मीट खाने से बचें। किसी भी तरह के पशु उत्पादों को हाथ लगाने के बाद हाथ अच्छी तरह धोएं। जानवरों और फार्म में काम करने वाले लोगों से डिस्टेंस बनाए रखें। कोरोना से बचाव के लिए फिलहाल कोई दवा नहीं है, ऐसे में सतर्क रहें, सोशल डिस्टेंस बनाए रखें। ऐसा कर के आप खुद को कोरोना के खतरे से दूर रख सकते हैं।