उत्तराखंड देहरादूनMigrants returned from red zone will remain in institutional quarantine

उत्तराखंड: प्रवासियों के लिए बड़ा फैसला, रेड जोन से आने वालों को ये नियम मानना पड़ेगा

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्वारेंटीन नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब रेड जोन से उत्तराखंड आने वाले लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन में रहना होगा..

People returning from Uttarakhand Institutional Quarantine: Migrants returned from red zone will remain in institutional quarantine
Image: Migrants returned from red zone will remain in institutional quarantine (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार हर जरूरी एहतियात बरत रही है, लेकिन स्थिति काबू में आती नहीं दिख रही। कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्वारेंटीन नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब रेड जोन से उत्तराखंड आने वाले लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन किया जाएगा। बता दें कि अब तक राज्य में रेड जोन से आने वाले लोगों को होम क्वारेंटीन किया जा रहा था। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस नियम में बदलाव किया गया है। हालांकि 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 10 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस नियम में छूट दी गई है। इन्हें होम क्वारेंटीन की अनुमति दी जाएगी। आपको बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 483 पर पहुंच गया है। 79 मरीज ठीक भी हुए हैं, लेकिन हर दिन कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड तोड़ मामले मिल रहे हैं।

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कोरोना संक्रमण के ज्यादातर मामले क्योंकि प्रवासियों से जुड़े हैं, इसलिए अब डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट द्वारा जारी की गई व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इसके तहत शासन ने निर्णय लिया है कि जो लोग रेड जोन से आ रहे हैं, उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन किया जाए। सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वो इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन की क्षमता को बढ़ाएं, ताकि बाहर से आने वाले लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन करने में दिक्कत ना हो। दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को पूरी सुरक्षा के साथ उत्तराखंड लाया जा रहा है। 25 मई से घरेलू उड़ान सेवाएं भी शुरू हो गईं। हवाई सेवा के जरिए अब तक 600 लोग उत्तराखंड आए हैं, जबकि उत्तराखंड में फंसे 400 लोग राज्य से बाहर गए हैं। इसके अलावा सैंपल लेने और जांच के काम में भी तेजी आई है।