उत्तराखंड अल्मोड़ाAlmora police helps migrant man

उत्तराखंड: घर लौटे प्रवासी भाई की मददगार बनी पुलिस..धन्य हैं ये वर्दीवाले..देखिए वीडियो

15 साल बाद गांव लौटाबेरोजगार प्रवासी, देखा तो मकान की हालत बेहद खराब थी मकान की छत से पानी टपक रहा था, ऐसे में अल्मोड़ा पुलिस ने इंसानियत दिखाई और प्रवासी की छत पर अपने खर्चे से तिरपाल डाल कर टपकता पानी रोक कर मानवता की मिसाल पेश की।

Almora Police: Almora police helps migrant man
Image: Almora police helps migrant man (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: कितने ही लोग ऐसे हैं जो इस समय बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। कोरोना महामारी जितनी तेजी से पैर पसार रही है उतनी ही तेजी से बेरोजगारी भी राज्य में फैल रही है। शहरों में रोजी-रोटी छिनने के बाद लाचार प्रवासी गांव की ओर रुख कर रहे हैं। कई तो इतने समय के बाद गांव की ओर लौट रहे हैं कि उनके मकान की हालत बहुत जर्जर हो चुकी है। बेरोजगार प्रवासियों के पास गांव पहुंचने के बाद खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। उनको जीर्ण-शीर्ण हालत वाले घरों में रहना पड़ रहा है। ऐसे में पुलिसकर्मी उन सभी प्रवासियों की काफी मदद कर रहे हैं। चाहे उनतक खाना पहुंचाना हो या अन्य जरूरतों को पूरा करना हो, उत्तराखंड पुलिस इस मुश्किल घड़ी में अपनी ड्यूटी निभा रही है और मानवता की मिसाल भी पेश कर रही है। पुलिस की ऐसी ही जिंदादिली के दर्शन हुए अल्मोड़ा के एक गांव में। डेढ़ दशक के बाद गांव लौटे प्रवासी की टपकती छत पर खुद के खर्चे से अल्मोड़ा पुलिस ने तिरपाल बिछाया और टपकता पानी रोका ताकि प्रवासी सुकून से सो सके। इसी के साथ प्रवासी को राशन भी मुहैया कराया।

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यह देखना बेहद सुखद है कि इस वैश्विक महामारी के समय उत्तराखंड पुलिस के दिलों में लोगों के लिए करुणा और संवेदना है। अल्मोड़ा पुलिस ने एक बेरोजगार ग्रामीण की तकलीफ देखते हुए उनकी खुद के खर्च से मदद की है वो काबिल-ए-तारीफ है। चलिए आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। मामला चौखुटिया तहसील के पैली गांव का है। वहां के निवासी भुवन तकरीबन 15 वर्ष पूर्व रोजगार की तलाश में दिल्ली चले गए थे। गांव में उनका मकान किस हालत में है उनको खबर तक नहीं थी।

खाकी की तिरपाल ने रोका गरीब की छत का पानी

"खाकी की तिरपाल ने रोका गरीब की छत का पानी"

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अल्मोड़ा के चौखुटिया निवासी भुवन 15 साल बाद जब परिवार सहित दिल्ली से अपने घर आए, तो देखा उनके पुश्तैनी मकान की जीर्ण शीर्ण हालत हो गयी थी और छत से बारिश का पानी टपक रहा था। ग्राम प्रधान की मदद से उन्होंने खीड़ा और मासी पुलिस चौकी में तैनात Uttarakhand Police के जवानों से मदद मांगी। मासी और खीड़ा चौकी के प्रभारी फिरोज आलम और सुनील धानिक अन्य पुलिसकर्मियों के साथ गांव पहुंचे और भुवन की पीड़ा को न केवल समझा बल्कि मानवता की एक और मिसाल पेश कर मकान की छत पर खुद के खर्च से तिरपाल बिछा टपकते पानी को रोका। साथ ही राशन व अन्य जरूरी सामग्री भी मुहैया कराई।

Posted by Uttarakhand Police on Wednesday, June 3, 2020

लॉकडाउन में रोजगार छिन जाने के बाद वे वापस अपने गांव लौटे तो जर्जर पड़े मकान की हालत देख कर उनके होश उड़ गए। दीवारें जीर्ण-शीर्ण हालत में थीं वहीं मकान की छत से घर में पानी टपक रहा था। उसने ग्राम प्रधान की मदद से पुलिस चौकी में मदद की गुहार लगाई। मासी और खीड़ा चौकी के प्रभारी फिरोज आलम और सुनील धानिक गांव पहुंचे और उन्होंने भुवन के घर को तिरपाल से ढक कर रहने लायक बनाया जिससे छत का पानी भी घर के अंदर न आए। साथ ही उन्होंने भुवन को राशन भी उपलब्ध कराया। अल्मोड़ा पुलिस द्वारा किया गया यह कार्य बेहद सराहनीय है। भुवन की पीड़ा को समझ कर उसकी मदद करके अल्मोड़ा पुलिस ने इंसानियत का उदाहरण पेश किया है।