देहरादून: कोरोना और इसके चलते लगे लॉकडाउन में काफी कुछ बदल गया है। आम लोगों के साथ-साथ राज्य सरकारों के सामने भी नई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती है अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की। जिसके लिए राज्य सरकार ने कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने नियमित नियुक्तियों और शाही खर्च पर रोक लगा दी है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने खर्च कम करने संबंधी आदेश सभी विभागों के लिए जारी कर दिए हैं। आदेश में क्या लिखा है, ये भी बताते हैं। खर्च कम करने के लिए सरकार ने चतुर्थ श्रेणी समेत तकनीकी रिक्त पदों पर नियमित नियुक्तियों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। सरकार का नया मूल मंत्र आउटसोर्स है। नियुक्तियों के अलावा नई निर्माण योजनाओं पर भी कैंची चली है। आगे भी पढ़िए
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विभागों से कहा गया है कि वो अनुपयोगी योनजाओं को चिह्नित कर उन्हें खत्म करें। नए सरकारी भवन और गेस्ट हाउस बनाने पर रोक लगा दी गई है। फाइव स्टार कल्चर खत्म करने के लिए फाइव स्टार होटलों में राजभोज पर रोक लगाई गई है। अफसर भी अब इकोनॉमी क्लास में सफर करेंगे। विभागों से कहा गया है कि सेमिनार होटलों की बजाय सरकारी भवन में आयोजित करें। लॉकडाउन की वजह से दबाव में आई राज्य सरकार को कई कड़े फैसले लेने पड़े हैं। लॉकडाउन से प्रदेश की जीडीपी प्रभावित हुई है, राजस्व भी कम हुआ है। इसलिए प्रदेश में चिकित्सा पुलिस विभाग को छोड़कर अन्य विभागों में नए पद सृजित करने पर रोक लगा दी गई है। फोर्थ क्लास कर्मचारियों की नियुक्ति की जगह आउटसोर्स से काम लिया जाएगा। विभागों से राजस्व घाटा खत्म करने के लिए काम करने को कहा गया है। सुरक्षा को छोड़कर नए वाहन खरीदने पर भी रोक लगाई गई है। इसके अलावा स्टेशनरी और यात्रा का खर्चा कम करने के लिए कर्मचारियों से ई-प्लेटफॉर्म का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने को कहा गया है।