उत्तराखंड हरिद्वारPatanjali Yogpeeth launches coronavirus medicine

उत्तराखंड: बाबा रामदेव ने लॉन्च की कोरोनावायरस की दवा..जानिए इसके फायदे और कीमत

जिस बात का इंतजार हो रहा था, आखिरकार वो वक्त आ ही गया। बाबा रामदेव ने कोरोनावायरस की दवा लॉन्च की है। इसके फायदे और कीमत जान लीजिए

Patanjali Yogpeeth launches coronavirus medicine: Patanjali Yogpeeth launches coronavirus medicine
Image: Patanjali Yogpeeth launches coronavirus medicine (Source: Social Media)

हरिद्वार: पतंजलि योगपीठ के योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कोरोना वायरस से निपटने के लिए 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' समेत तीन दवाएं लॉन्च की गई हैं। दावा किया गया है कि इस दवा से कोरोना सौ फीसद रिकवर होगा। दावा ये भी है कि दवा टेस्टिंग के 3 दिन के भीतर 69 फीसदी रोगी रिकवर हुए हैं। इसके साथ ही ये भी कहा है कि 7 दिन के भीतर 100 फीसद ठीक हुए हैं। अब सवाल ये है कि आखिर आप इस दवा को कैसे लेंगे। इसके लिए बाबा रामदेव ने बताया कि अगले सोमवार को Ordernil APP लॉन्च किया जाएगा। इसके जरिए 3 दिन के भीतर घर बैठे दवा उपलब्ध होगी। अब जानिए इस दवा की खास बातें और कीमत
1-दवाई बनाते वक्त सभी साइंटिफिक पैरामीटर का ध्यान रखा गया है।
2-इस दवा का सेकेेंड ट्रायल जल्द ही क्रिटिकल मरीजों पर किया जाएगा।
3- बाबा रामदेव ने बताया कि इस दवा के जरिए ब्लडप्रेशर, हार्ट बीट और नाड़ी को भी कंट्रोल किया जा सकेगा।
5- बाबा रामदेव का कहना है कि पहला क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल 100 लोगों पर किया गया। ये सभी 15 से 65 आयु वर्ग के हैं। इससे 3 दिन में 69 फीसदी मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं। 7 दिन में 100 फीसदी मरीज स्वस्थ हुए हैं।
6- अणुनासिक तेल कोरोना की दवा में शामिल है। ये तेल 3 से 5 बूंद नाक में डालने से श्वास नलिका में कोरोना का प्रभाव खत्म होता है।
7-ये दवा स्वशन सिस्टम को मजबूत करती है, जिससे कोरोना संक्रमण का असर नहीं होता। इसके साथ ही ये दवा सर्दी जुकाम और बुखार को भी नियंत्रित करती है।
8- आप इस दवा को ऑनलाइन भी खरीद सकेंगे
9- पतंजलि के मुताबिक कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल की कीमत 400 रुपये, श्वासारि रस बट्टी की कीमत 120 और अणुनासिक तेल की कीमत 25 रुपये है।
10- एक महीने की दवा 545 रुपये में उपलब्ध होगी।
11- ये शोध पतंजलि योगपीठ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर का संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।