उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में कोरोना के कारण शिक्षा प्रणाली के ऊपर बेहद भारी प्रभाव पड़ा है। बच्चों की परीक्षाएं चल ही रही थीं कि कोरोना आ धमका जिस वजह से लंबे समय से बच्चों के बोर्ड के पेपर अटके हुए हैं। मगर अब धीरे-धीरे शिक्षा व्यवस्था वापस ट्रैक पर आ रही है। बता दें कि 22 जून से बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं फिर से शुरू हुईं। पूरी सावधानी के साथ बच्चों की परीक्षाएं संचालित हुई। इसी बीच उत्तराखंड के शिक्षा विभाग ने एक बहुत ही अहम फैसला लिया है। उन लोगों के लिए खुशखबरी है जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में ही अंग्रेजी मीडियम के अंतर्गत पढ़ाने का सपना पाले बैठे थे। अधिकांश सरकारी स्कूलों में हिंदी मीडियम में पढ़ाया जाता है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने यह घोषणा की है कि प्रदेश के हर ब्लॉक में दो इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाएंगे। हाल ही में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग में यह घोषणा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह इस दिशा में काम करना शुरू कर दें।
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शिक्षा मंत्री ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई जी के नाम पर हर ब्लॉक में दो इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की घोषणा की है। सरकार के इस फैसले के बाद उन लोगों के अंदर उम्मीद की एक किरण जगी है जो अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाने का सपना देखते हैं। यह स्कूल पहली से लेकर 12वीं तक होंगे जिनका मीडियम इंग्लिश रहेगा। यह फैसला सभी अभिभावकों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आया है। यह तो हम सब जानते ही हैं कि आज के समय में अंग्रेजी की खूब डिमांड है। ऐसे में यह जरूरी है कि बच्चों को बचपन से ही इसकी आदत लगाई जाए। साथ ही साथ इससे बच्चों का भविष्य और अधिक उज्ज्वल हो जाएगा। राज्य सरकार का यह फैसला बेहद जरूरी है। स्कूल सीबीएसई बोर्ड के तर्ज पर ही संचालित होंगे। आपको बता दें कि उत्तराखंड में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की इस योजना पर उत्तराखंड सरकार काफी लंबे समय से विचार कर रही थी मगर विचार को धरातल पर लाने का कार्य अब शुरु हो रहा है। इस फैसले के बाद कई अभिभावकों का सपना साकार होता नजर आ रहा है।