उत्तराखंड पिथौरागढ़Nepal is building a road on the border in Uttarakhand

उत्तराखंड पर नेपाल की नज़र, बॉर्डर पार बिछाया सड़कों का जाल..इस काम को दिया अंजाम

नेपाल दार्चुला और बैतड़ी में दोनों देशों का सीमांकन करने वाली काली नदी के किनारे बसे गांवों तक सड़कों का निर्माण (Nepal border road) करा रहा है। सड़क बनने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों तक नेपाली सेना की पहुंच आसान हो जाएगी....

Uttarakhand Nepal: Nepal is building a road on the border in Uttarakhand
Image: Nepal is building a road on the border in Uttarakhand (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: भारत और चीन के बीच तनातनी क्या हुई कि नेपाल भी भारत को आंख दिखाने लग गया। कई इशारे ऐसे हैं, जिनसे साफ लग रहा है कि नेपाल चीन की सरपरस्ती ने जीने की तैयारी कर रहा है। नेपाल ने भारतीय सीमा से सटे अपने क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। धारचूला से सटे मालपा में नेपाल ने हेलीपैड बनाया है। इसके अलावा नेपाल छांगरू-तिंकर के साथ ही सीमा से सटे गांवों में सड़कों का जाल बिछा रहा है। दार्चुला और बैतड़ी में एक दर्जन से ज्यादा सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। पिथौरागढ़ जिले से लगी सीमा पर सड़कों का काम तेजी से चल रहा है। कुल मिलाकर नेपाल भारत पर अपनी निर्भरता खत्म करना चाहता है। सड़क बनने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों तक नेपाली सेना की पहुंच आसान हो जाएगी। दार्चुला और बैतड़ी में दोनों देशों का सीमांकन करने वाली काली नदी के किनारे बसे गांवों तक सड़कों का निर्माण हो रहा है।

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खबर है कि दार्चुला और बैतड़ी में 130 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जानी है, जिसमें से 43 किलोमीटर सड़क बनकर तैयार है। इससे पहले चीन भी चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों से लगी 350 किमी लंबी सीमा तक सड़कें बना चुका है। अब नेपाल भी चीन की राह पर चल रहा है। उत्तराखंड से नेपाल की 275 किलोमीटर लंबी सीमा लगी है। जहां इन दिनों सड़कों का काम तेजी से चल रहा है। उत्तराखंड के कौन-कौन से इलाके नेपाल से सटे हैं, ये भी जान लीजिए। पिथौरागढ़, चंपावत और ऊधमसिंहनगर जिलों की सीमाएं नेपाल से सटी हैं। भारत-नेपाल सीमा की लंबाई पिथौरागढ़ जिले में सबसे अधिक लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर है। पिथौरागढ़ जिले में झूलाघाट से लेकर कालापानी में स्थित सीतापुल तक सिर्फ झूला पुलों से ही आवागमन होता है। आगे पढ़िए

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तीन जिलों में से सिर्फ चंपावत जिले के बनबसा में ही मोटर पुल है। भारत की तरफ से तवाघाट से लेकर लिपुलेख तक सड़क बनाए जाने के बाद नेपाल और भारत के संबंधों मे तनाव पसरा है। नेपाल अब सीमा से लगे अधिक से अधिक गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने की कोशिश में जुटा है। इसी कड़ी में भारत से लगे नेपाल के दो जिलों दार्चुला और बैतड़ी में एक दर्जन से ज्यादा सड़कें बनाई जा रही हैं। छांगरू, तिंकर के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछ जाने के बाद भारतीय सीमा पर नेपाली सुरक्षा बलों की पहुंच आसान हो जाएगी। खैर इतना जरूर है कि बहुत ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है। भारत की तरफ से भी बड़ी तैयारियां हो रही हैं। देखना है आगे क्या होता है।