उत्तराखंड टिहरी गढ़वालStones fell from mountain on Rishikesh Badrinath road

ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर वाहनों पर गिरे पत्थर..बाल बाल बची लोगों की जान

ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर अचानक पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे। इस बीच वाहन में बैठा एक व्यक्ति घायल हो गया।

Rishikesh Badrinath road landslide: Stones fell from mountain on Rishikesh Badrinath road
Image: Stones fell from mountain on Rishikesh Badrinath road (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग से एक बड़ी खबर आ रही है। ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग पर तोता घाटी में एक बड़ा हादसा होने से टल गया। अचानक पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे और इस बीच वाहन में बैठा एक व्यक्ति घायल हो गया। आपको बता दें कि भारी बारिश के बाद आए मलबे से ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग पर कई गाड़ियां जाम में फंसी हुई थी। इस दौरान पहाड़ी से अचानक बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे और वाहनों से टकराते हुए खाई में गिरे। इस दौरान एक वाहन में सवार व्यक्ति घायल हो गया। उसे तुरंत ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि घायल व्यक्ति अपने परिवार के साथ दिल्ली से चमोली जिले के नारायण बगड़ जा रहा था। व्यक्ति के साथ वाहन में दो महिलाएं और एक बच्चा भी सवार था लेकिन गनीमत इस बात की रही कि उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ। पुलिस का कहना है कि घायल व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

  • बारिश के बाद पहाड़ में बिगड़े हालात

    Stones fell from mountain on Rishikesh Badrinath road
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    23 जून को राज्य में दस्तक देने वाला मॉनसून ने 10 दिन में ही लोगों की नाक में दम करके रख दिया है। जगह-जगह से तबाही की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। शुरुआती दिनों में तो यह कुमाऊं के कुछ जिलों में ही सक्रिय था जिसके बाद वहां अलर्ट घोषित कर दिया गया था। उसके बाद यह पूरे उत्तराखंड में सक्रिय हो चुका है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक, सब लोग बारिश के कारण हो रही परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

  • सरयू नदी उफान पर, पुल टूटा

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    राज्य के कई जिले हादसों का शिकार भी बने और वहां से दिल दहला देने वाली तस्वीरें भी सामने आई हैं। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में बीते सोमवार को मूसलाधार बरसात से एक मकान ढह गया। वहीं नदियों का स्तर भी बेहद बढ़ा हुआ है। बारिश के कारण जाकुला, भुजगड़, रामगंगा और सरयू नदी का स्तर बेहद बढ़ चुका है। ऐसे में बाढ़ जैसे हालात भी बन सकते हैं जिससे कितनी त्रासदी होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।