उत्तराखंड अल्मोड़ाGuldar attacked a two and a half year old girl in Almora

पहाड़ में 2 साल के बच्चे को मां की गोद से उठा ले गया गुलदार..जंगल में मिली अधखाई लाश

उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। 2 साल के बच्चे को गुलदार (Almora Guldar) उठा कर ले गया। अधखाई लाश बरामद हुई है।

Almora Guldar: Guldar attacked a two and a half year old girl in Almora
Image: Guldar attacked a two and a half year old girl in Almora (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में गुलदार का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन कोई न कोई ऐसी खबर सामने आ जाती है जब गुलदार ने इंसानी बस्तियों में किसी को शिकार बना रहा हो। हाल ही में रुद्रप्रयाग जिले से एक खबर आई थी जहां गुलदार ने एक गौशाला में घुसकर करीब 21 बकरियों को मौत के घाट उतार दिया था। कई जगहों पर गुलदार आदमखोर हो गए हैं। इसका ताजा उदाहरण आज अल्मोड़ा जिले में देखने को मिला। अल्मोड़ा वन क्षेत्र में पेटशाल के पास उड़ल गांव में एक मासूम बच्चे को आदमखोर मां की गोद से उठाकर ले गया। मासूम बच्चे की उम्र दो साल बताई जा रही है। बच्चे का नाम हर्षित मेहरा था। इस घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया और तुरंत ही वन विभाग को इस बात की सूचना दी गई। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो गई लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। टीम के पहुंचने से पहले ही बच्चे की सिर विहीन लाश बरामद होने की बात कही जा रही है। घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है मासूम बच्चे के घर में मातम पसरा हुआ है। अभी बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होना भी नहीं सीखा था कि आदमखोर ने उसे अपना शिकार बना लिया। वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा का कहना है कि वह मौके के लिए रवाना हुई और उनके साथ टीम भी मौजूद है। इस घटना के बाद से गांव वालों में आक्रोश है साथ ही यहां खौफ पसरा हुआ है।

  • गांव के लोगों में खौफ

    Guldar attacked a two and a half year old girl in Almora
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    प्रदेश सरकार लोगों से गांव में ठहरने को कह रही है, पहाड़ को आबाद करने की अपील कर रही है। लेकिन पहाड़ की जिंदगी आसान नहीं है। जिस पहाड़ में ना तो लोगों के बच्चे सुरक्षित हों और ना ही मवेशी...वहां भला कोई क्यों ठहरना चाहेगा।

  • आतंक का सबब बना गुलदार

    Guldar attacked a two and a half year old girl in Almora
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    पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार आतंक का सबब बने हुए हैं। कहीं मासूम बच्चे गुलदार का निवाला बन रहे हैं, तो हीं मवेशियों के मारे जाने से पशुपालक खून के आंसू रोने को मजबूर हैं।