उत्तराखंड नैनीतालHigh court decision on Char Dhaam Devasthanam board

उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर सुनाया फैसला..जानिए इसकी बड़ी बातें

चारधाम श्राइन बोर्ड का विरोध कर रहे सांसद सुब्रमण्यम स्वामी नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे, उन्होंने देवस्थानम एक्ट को असंवैधानिक बताया था।

Char Dham Devasthanam Board: High court decision on Char Dhaam Devasthanam board
Image: High court decision on Char Dhaam Devasthanam board (Source: Social Media)

नैनीताल: चारधाम श्राइन बोर्ड (चारधाम देवस्थानम एक्ट) मामले में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने वाले राज्यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी को तगड़ा झटका लगा है। नैनीताल हाईकोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी है। चारधाम श्राइन बोर्ड के खिलाफ सांसद सुब्रमण्यम स्वामी नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे। अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से सरकार का चारधाम और 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25, 26 व 32 का उल्लंघन है। उन्होंने देवस्थानम एक्ट को असंवैधानिक कहा था। अब नैनीताल हाईकोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने एक्ट को संवैधानिक बताते हुए सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी।

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इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, आपको ये भी जानना चाहिए। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चारधाम देवस्थानम एक्ट का विरोध करते रहे हैं। इसके खिलाफ उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें एक्ट को असंवैधानिक बताया गया था। कोर्ट इस मामले में 29 जून से हर दिन सुनवाई कर रही थी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के सामने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई हुई। याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि एक्ट को पारदर्शिता से बनाया गया है। एक्ट के तहत मंदिर में चढ़ने वाले चढ़ावे का पूरा रिकॉर्ड रखा जा रहा है, इसलिए ये असंवैधानिक नहीं है। सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए एक्ट के खिलाफ लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि बोर्ड का गठन चारधाम यात्रा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। ये बोर्ड भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। हाईकोर्ट के फैसले से सरकार की भावनाओं पर मुहर लगी है। कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया है। सभी को इस पर विश्वास करना चाहिए। हालांकि सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अब भी हार मानने को तैयार नहीं हैं। कोर्ट के फैसले के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट के जरिए कहा है कि वह इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।