उत्तराखंड उधमसिंह नगरPrisoner hanged in sitarganj jail

उत्तराखंड: हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल के बाथरूम में कैदी ने लगाई फांसी..मचा हड़कंप

सूरत सिंह साल 1994 में हत्या के मामले में आरोपी था। साल 2004 में कोर्ट ने उसे दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तब से वो जेल में बंद था। आगे पढ़िए पूरी खबर

Sitarganj Central Jail: Prisoner hanged in sitarganj jail
Image: Prisoner hanged in sitarganj jail (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: उत्तराखंड की हाई सिक्योरिटी सितारगंज जेल में बंद कैदी ने बाथरूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। फंदा लगाने के लिए कैदी ने अंडरवियर के नाड़े का इस्तेमाल किया। घटना की सूचना मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जेल में तैनात सुरक्षाकर्मी कैदी को तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। घटना ऊधमसिंहनगर की है। जहां सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी ने रविवार को फांसी लगा ली। आत्महत्या की वजह का पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। मरने वाले कैदी का नाम सूरत सिंह था। सूरत सिंह साल 1994 में हत्या के मामले में आरोपी था। साल 2004 में कोर्ट ने उसे दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तब से वो जेल में बंद था। जेल अधीक्षक ने बताया कि सूरत सिंह पहले हरिद्वार जेल में था। पिछले साल मई में उसे सितारगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। तब से वो यहीं था। सूरत सिंह नानकमत्ता के देवकली ठेरा क्षेत्र का रहने वाला था। सितारगंज सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक दधिराम मौर्य ने बताया कि रविवार को सूरत सिंह नहाने के लिए बाथरूम में गया था। इस दौरान उसने अंडरवियर के नाड़े का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: कोरोना काल में लावारिस पशुओं की हमदर्द बनीं साधना, देखिए एक प्रेरणादायक कहानी
सुरक्षाकर्मियों को इस बारे में पता चला तो वो बाथरूम की तरफ दौड़ पड़े। वहां सूरत सिंह फंदे पर लटका मिला। सुरक्षाकर्मियों ने सूरत सिंह को नीचे उतारा और जेल में तैनात फार्मासिस्ट को सूचना दी। सूरत सिंह की हालत गंभीर थी। सुरक्षाकर्मी उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन ने कहा कि सूरत सिंह ने खुदकुशी क्यों की, इस बारे में फिलहाल पता नहीं चल सका है। मामले की जांच की जा रही है। आपको बता दें कि इस साल जनवरी में ऐसा ही एक मामला हरिद्वार में भी सामने आया था। यहां रुड़की उप कारागार में विचाराधीन बंदी ने पेड़ पर फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। बंदी की मौत के बाद जमकर बवाल भी हुआ था। इसी तरह पिछले साल 26 दिसंबर को हरिद्वार जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। जिसे समय रहते बचा लिया गया।