देहरादून: उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के रूप में पहचान मिली है। पर्यटन यहां की आर्थिकी का मुख्य आधार है, लेकिन मार्च में प्रदेश को कोविड-19 की ऐसी नजर लगी कि पर्यटन संबंधी सभी गतिविधियां अचानक थम गईं। पर्यटकों से गुलजार रहने वाले उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों की रौनक चली गई। पर्यटक स्थल वीरान हो गए। अब अनलॉक में मिली छूट के बाद उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां एक बार फिर पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हैं। जल्द ही देशभर के सैलानी यहां बेरोक-टोक आ सकेंगे। राज्य सरकार सैलानियों के प्रवेश के लिए बनाए गए कड़े नियमों में बड़ी छूट देने की तैयारी कर रही है। देशभर में कोरोना के चलते 5 महीने पहले लगे लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक शुरू हो गया है, लेकिन उत्तराखंड के मशहूर पर्यटक स्थलों में अब भी वीरानी छाई है। कोरोना संक्रमण काल ने उत्तराखंड के पर्यटन की कमर तोड़ के रख दी है। अब राज्य सरकार पर्यटकों के लिए नियम-कायदों में थोड़ी छूट देने की बात कह रही है, ताकि प्रदेश में पर्यटन संबंधी गतिविधियां दोबारा शुरू हो सकें।आगे पढ़िए
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सैलानियों के आने पर लगाई गई कड़ी शर्तों के चलते होटल कारोबारियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नियमों में ढील मिलेगी तो होटल कारोबारी और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बड़ा सहारा मिलेगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को प्रदेश से बाहर के लोगों के लिए पहले ही खोल चुकी है। अब यहां एक बार फिर से पर्यटन गतिविधियां शुरू करने की तैयारी चल रही है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होंने नियम कायदों में थोड़ी ढील देने के लिए मुख्यमंत्री से बात की है। मुख्यमंत्री ने भी जल्द ही इस पर योजना बनाने की बात कही। पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायी भी पर्यटकों के लिए लगी पाबंदियों में ढील देने का समर्थन कर रहे हैं। पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि जिस तरह राज्य सरकार ने प्रदेश के बाहर के यात्रियों को चारधाम यात्रा की अनुमति दी, उसी तरह यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स और दूसरी पर्यटन संबंधी गतिविधियां भी संचालित की जानी चाहिए, ताकि पर्यटक एक बार फिर यहां रुक सके और सैर-सपाटे का लुत्फ उठा सकें। इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा, प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।