उत्तराखंड उधमसिंह नगरUdham Singh Nagar massacre update

उत्तराखंड: 11 साल की नफरत..4 नृशंस हत्या, जानिए कैसे गिरफ्त में आया हत्यारा दामाद

आखिर वो कैसे 16 महीने बाद पुलिस की गिरफ्त में आया और कैसे इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड का खुलासा हुआ। पढ़िए राज्य समीक्षा की रिपोर्ट-

Udham Singh Nagar News: Udham Singh Nagar massacre update
Image: Udham Singh Nagar massacre update (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: हाल ही में उधमसिंह नगर के रुद्रपुर में एक सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया है, जिसने सबको अंदर तक हिला के रख दिया है। उत्तराखंड में आज से पहले शायद ही ऐसा केस आया होगा जिसने असंवेदनशीलता की सभी हदों को पार कर दिया है। महज प्रॉपर्टी के लिए कोई किस हद तक गिर सकता है, इस बात को रुद्रपुर में हुए हत्याकांड से जानिए। 11 साल से दिल मे पल रही नफरत और 4 साल की लंबी प्लानिंग के बाद 4 लोगों के मर्डर को अंजाम दिया आरोपी नरेंद्र गंगवार ने। हत्याकांड में उसका किराएदार और उसकी पत्नी भी सम्मिलित थे और नरेन्द्र ने प्रॉपर्टी के लिए सास-ससुर और दो सालियों की निर्मम हत्या कर दी। आइये आपको शुरुआत से इस मर्डर मिस्ट्री के बारे में बताते हैं। बात 2007 से शुरू होती है, जब मूलरूप से बरेली के तहसील मीरगंज के निवासी 65 वर्षीय हीरालाल अपनी पत्नी हेमवती, बड़ी बेटी लीलावती, मंझली बेटी पार्वती और छोटी बेटी दुर्गा के साथ रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप आ गए थे। हीरालाल मीरगंज में 18 बीघा जमीन के साथ एक मकान के भी मालिक थे। उन्होंने अपनी फतेहगंज की जमीन बेचकर ट्रांजिट कैंप रुद्रपुर में प्लॉट खरीद कर मकान बनाया था। वहीं अपने गांव की 5 बीघा जमीन भी उन्होंने बेच डाली थी। हीरालाल ने गांव की 13 बीघा जमीन को वहीं के निवासी कुंवर सेन को बटाई के लिए दिया था।

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साल 2008 में उनकी बड़ी बेटी लीलावती ने नरेंद्र गंगवार से प्रेम विवाह किया जिसके बाद वह घर जमाई बनकर रहता था। शादी के बाद से ही दामाद नरेंद्र गंगवार और हीरालाल के बीच में प्रॉपर्टी को लेकर अनबन रहती थी। जब नरेंद्र के साथ प्रोपर्टी को लेकर उनका विवाद बढ़ गया तो हीरालाल ने उनको अपने से अलग कर दिया। नरेंद्र चाहता था उसके ससुर पूरी प्रॉपर्टी उसके नाम कर दें, मगर उसके ससुर ने 2015 ने अनबन बढ़ने के बाद अपनी बेटी और उसके दामाद को घर से निकाल दिया जिसके बाद वह अलग रहने लगे। तबसे ही नरेंद्र के में अपने ससुर के प्रति पल रहा द्वेष और बढ़ गया था। उसने अपनी पत्नी लीलावती के साथ ससुर प्रॉपर्टी हड़पने की प्लानिंग शुरू कर दी थी। ससुर की दौलत और मीरगंज की जमीन को हड़पने का लिए नरेंद्र गंगवार ने अपनी पत्नी लीलावती और अपने किराएदार विजय के साथ हत्या का षड्यंत्र रचा। बीती 20 अप्रैल 2019 वह तारीख थी जब नरेंद्र ने रुद्रपुर में सुबह तकरीबन साढ़े 5 बजे अपनी पत्नी समेत किराएदार विजय गंगवार के साथ अपने 65 वर्षीय ससुर हीरालाल, 55 वर्षीय सास दुर्गा, 26 और 20 वर्षीय साली पार्वती और दुर्गा की हत्या कर दी थी और उनके शवों को जमीन में गाड़ दिया था। 16 महीने तक सभी के शव घर की जमीन के अंदर गड़े हुए थे। मगर सवाल यह है कि आखिर इस उलझी हुई मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश कब हुआ। आखिर वह कौन है जिसकी वजह से आरोपी पकड़े गए हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर सभी आरोपी नजर में कैसे आए।

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बीते साल की अप्रैल को अर्थात तकरीबन 16 माह पहले हत्या के बाद आरोपी दामाद ने आसपास के लोगों से कह दिया कि ससुराल वाले मकान उसके नाम करके हल्द्वानी में शिफ्ट हो गए हैं। वहीं बरेली में मृतक हीरासिंह की 14 बीघा जमीन भी थी जिसकी देख-रेख बटाएदार कुंवर सिंह कर रहा था। 16 महीने के बाद नरेंद्र मीरगंज बरेली गया और वहां पर उसमें ससुर की जमीन के की देखरेख करने वाले कुंवर सिंह को बटाई के रुपए देने को कहा। जब कुंवर ने नरेंद्र को ससुर हीरालाल के बारे में पूछा तो नरेंद्र ने उसे कहा कि हीरालाल की मृत्यु हो गई है और उसकी सास एवं दोनों साली कहीं चली गई हैं। तभी से कुंवर सिंह को शक हुआ जिसके बाद उन्होंने इस बात की जानकारी हीरालाल के रिश्तेदार दुर्गा प्रसाद को दे दी। दुर्गा प्रसाद ने राजा कॉलोनी पहुंचकर मोहल्ले निवासी शिव प्रसाद गंगवार, महेश गंगवार इत्यादि से जानकारी हासिल की तो हीरालाल समेत उनके परिवार का कहीं पर भी कुछ भी पता नहीं चल पाया। जिसके बाद मृतक हीरालाल के रिश्तेदार दुर्गा प्रसाद बीते सभा 27 अगस्त कि रात को पुलिस स्टेशन पहुंचे और पुलिस को पूरा मामला बता कर न्याय की मांग की। शुक्रवार को पुलिस ने नरेंद्र को हिरासत में लिया और सख्ताई से पूछा। पूछताछ के दौरान नरेंद्र से जो खुलासा किया उसको सुनकर पुलिस के भी पैरों तले जमीन खिसक गई। नरेंद्र ने पूछताछ में बताया कि उसने 20 अप्रैल 2019 को अपने किराएदार विजय गंगवार और अपनी पत्नी लीलावती के साथ मिलकर अपने दोनों सास-ससुर और सालियों की हत्या कर दी थी और उन सभी के नीचे जमीन में गाड़ दिया था। पुलिस ने खुदाई के दौरान सभी के कंकाल बरामद किए हैं। दुर्गा प्रसाद की तहरीर पर आरोपी नरेंद्र उसकी पत्नी लीलावती और उसके किराएदार विजय गंगवार के खिलाफ हत्या, सबूत मिटाने सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं नरेंद्र की पत्नी के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।