उत्तराखंड देहरादूनEveryone will get water connection in Uttarakhand

उत्तराखंड के लाखों परिवारों के लिए अच्छी खबर, अब इस मुहिम की होगी शुरुआत

केन्‍द्रीय जल मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री से मुहिम चलाकर काम करने का आग्रह किया ताकि समाज के गरीब और अधिकारहीन वर्गों के लिए विशेष रूप से नल कनेक्शन सुनिश्चित किया जा सके

Gajendra Singh Shekhawat: Everyone will get water connection in Uttarakhand
Image: Everyone will get water connection in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: केन्द्रीयजल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के बारे में राज्‍य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्‍द्र सिंह रावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की। बैठक में मंत्रालय में सचिव, अपर सचिव और मिशन के निदेशक के साथ उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उत्तराखंड राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2022 तक सभी को इस मिशन में सम्मिलित करने की योजना बना रहा है। इस संदर्भ में, केन्द्रीय मंत्री ने मुख्‍यमंत्री के साथ राज्य में मिशन की प्रगति के बारे में विस्तृत चर्चा की।

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ग्रामीण लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए जीवन परिवर्तन मिशन के महत्व पर जोर देते हुए, केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने मौजूदा जल आपूर्ति योजनाओं के पुन: संयोजन और उन्‍हें बढ़ाने पर जोर दिया। राज्य के 15,218 गाँवों में से, 14,595 में जलापूर्ति योजनाएँ हैं, लेकिन 14.61 लाख घरों में से केवल 2.71 लाख (18.55 प्रतिशत) में ही नल कनेक्शन हैं। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्‍यमंत्री से मुहिम चलाकर काम करने का आग्रह किया ताकि समाज के गरीब और अधिकारहीन वर्गों के शेष परिवारों को जल्द से जल्द नल कनेक्शन प्रदान किए जा सकें।

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शेखावत ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य को हर प्रकार की सहायता प्रदान करने की केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। जल जीवन मिशन के लिए, सप्‍लाई किए गए नल कनेक्‍शन और केन्द्रीय और राज्य की मैचिंग हिस्‍सेदारी के आधार पर भारत सरकार द्वारा धनराशि प्रदान की जाती है। जल शक्ति मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य को 100 प्रतिशत एफएचटीसी राज्य बनाने के लिए हरसंभव सहायता दी जाएगी।
उत्तराखंड में 2020-21 के दौरान 3.59 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की योजना है। 2020-21 के लिए 362.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और पिछले वर्ष की राज्य हिस्सेदारी और अप्रयुक्त राशि सहित, 469.47 करोड़ रुपये की निश्चित राशि उपलब्ध है। राज्य वास्‍तविक और वित्तीय कार्य के आधार पर अतिरिक्त निधि का पात्र है। 15वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत उत्तराखंड को ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 574 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और इसका 50 प्रतिशत उपयोग पानी की आपूर्ति और स्वच्छता के लिए किया जाना है। केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे इस योजना का उपयोग ग्रामीण जल आपूर्ति, अपशिष्‍ट जल शोधन और पुनः उपयोग के लिए करें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जल आपूर्ति योजनाओं का दीर्घकालिक संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करें।

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केन्द्रीय मंत्री ने ग्राम कार्य समिति योजना तैयार करने और कम से कम 50 प्रतिशत महिला सदस्‍यों के साथ पंचायत उप-समिति के रूप में ग्राम जल और स्वच्छता समिति /पानी समिति के गठन की योजना पर जोर दिया जोयोजना, डिजाइन तैयार करने, कार्यान्वयन,गांवों में पानी की आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार हों। सभी गांवों को ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करनी होगी जिसमें अनिवार्य रूप से पेयजल स्रोतों का विकास /संवर्द्धन, जल आपूर्ति, अपशिष्‍ट जल प्रबंधन और संचालन और रखरखाव घटक शामिल होगा। जल जीवन मिशन को सही मायने में लोगों की मुहिम बनाने के लिए सामुदायिक लामबंदी के साथ-साथ आईईसी अभियान चलाने का भी सुझाव दिया गया।
राज्य के कठिन इलाके, कम आबादी, खराब कनेक्टिविटी और वर्तमान कोविड-19 महामारी जैसी विभिन्न चुनौतियों का हवाला देते हुए, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जल जीवन मिशन की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करेंगे। उन्होंने राज्य में मिशन के त्वरित कार्यान्वयन का आश्वासन दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य को नियत समय पर हासिल किया जा सके।
भारत सरकार देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए बुनियादी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पेयजल आपूर्ति एक सर्विस डिलीवरी है, जिसमें आपूर्ति की गई जल की मात्रा, गुणवत्ता और जल आपूर्ति की आवधिकता सुनिश्चित की जानी है, जिसके लिए प्रमुख कार्यक्रम, जल जीवन मिशन (जेजेएम) राज्यों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है। मिशन का उद्देश्य सार्वभौमिक कवरेज है यानी गांव के प्रत्येक परिवार को अपने घरों में नल के पानी का कनेक्शन मिलता है।
जल जीवन मिशन के तहत, स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जल गुणवत्ता निगरानी पर प्राथमिकता दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराए जा रहे पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करने के लिए हर गांव में 5 व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हर स्रोत की भौतिक और रासायनिक मापदंडों के लिए हर साल एक बार और बैक्टीरियलोलॉजिकल संदूषण के लिए दो बार जांच करने की आवश्यकता होती है। उत्तराखंड राज्य को अगले 3-4 महीनों में राज्य और जिला प्रयोगशालाओं की मान्यता का कार्य पूरा करने और जनता के लिए खोलने की भी सलाह दी गई ताकि वे बहुत मामूली दर पर आपूर्ति की गई पानी की गुणवत्ता का परीक्षण कर सकें।