उत्तराखंड रुद्रप्रयागGirl returning from Kedarnath fell into the ditch

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ दर्शन कर लौट रही युवती खाई में गिरी..दर्दनाक मौत

चिरबासा में अगर रास्ते के किनारे रेलिंग लगी होती तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती। यहां पैदल मार्ग के किनारे रेलिंग लगाए जाने की जरूरत है।

Kedarnath News: Girl returning from Kedarnath fell into the ditch
Image: Girl returning from Kedarnath fell into the ditch (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम की यात्रा पर आई युवती की दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। परिवार संग बाबा केदार के दर्शन कर वापस लौट रही युवती अचानक खाई में गिर गई। वो गंभीर रूप से घायल थी। घायल युवती को एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वो बच नहीं सकी। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते युवती की मौत हो गई। जिले की डीएम वंदना सिंह ने भी हादसे पर दुख जताया। उन्होंने गौरीकुंड से केदारनाथ तक दोपहर तीन बजे के बाद एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव पर लोगों की आवाजाही बंद करने के निर्देश दिए हैं। ताकि संभावित हादसों को टाला जा सके। अनलॉक-5 में पाबंदियों में छूट मिलने के बाद केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। दूर-दूर से पर्यटक उत्तराखंड स्थित चारधाम के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। बुधवार को राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला एक परिवार भी केदारनाथ आया हुआ था। केदारनाथ के दर्शन करने के बाद परिवार देर शाम पैदल मार्ग से वापस लौट रहा था, कि तभी लगभग सवा सात बजे 19 साल की भूमिका श्रीमाली पैर फिसलने की वजह से खाई में जा गिरी। हादसा चिरबासा के पास हुआ। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और रस्सी के सहारे खाई में उतर कर भूमिका को खाई से बाहर निकाल लाए।

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जिस खाई में युवती गिरी थी, वो लगभग 50 मीटर गहरी है। रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब एक घंटे का वक्त लगा, तब तक युवती की सांसें उखड़ने लगी थीं। बाद में घायल युवती को सोनप्रयाग लाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने कहा कि अगर रास्ते के किनारे रेलिंग लगी होती तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती। पैदल मार्ग के किनारे रेलिंग लगाए जाने की जरूरत है। हादसे के बाद डीएम वंदना सिंह ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को पैदल मार्ग का निरीक्षण कर संवेदनशील जगहों को चिह्नित करने को कहा। साथ ही गौरीकुंड से केदारनाथ तक दोपहर तीन बजे के बाद एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव पर आवाजाही बंद करने के निर्देश भी दिए।