उत्तराखंड ऋषिकेशRail rack can be added to Chardham rail network

उत्तराखंड: चारधाम रेल रूट होगा और भी सुखद, तमिलनाडु जैसे प्लान पर हो रहा है काम

इस योजना में श्रद्धालुओं को केवल अधूरे रास्ते में ना छोड़ धाम तक केबल कार और रैक रेल के संचालन के जरिए सीधा धाम तक छोड़ने के ऊपर भी विचार किया जा रहा है।

Chardham Rail Network: Rail rack can be added to Chardham rail network
Image: Rail rack can be added to Chardham rail network (Source: Social Media)

ऋषिकेश: चारधाम रेल परियोजना उत्तराखंड की सबसे महत्वकांक्षी रेल परियोजना है। उत्तराखंड के विकास की बात करें तो चार धाम रेल परियोजना एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी। यह शक्तिशाली रेल प्रोजेक्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए केंद्र द्वारा छेड़ी गई एक पहल है जिससे चार धाम यात्रा और अधिक सुगम हो जाएगी एवं उत्तराखंड में आर्थिक गतिविधियों को भी विस्तार मिलेगा। चारधाम रेल परियोजना का काम जोरों-शोरों से चल रहा है। ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काफी तेजी से काम चल रहा है। गंगोत्री एवं यमुनोत्री की बात करें तो वहां तक भी रेल लाइन बिछाने के लिए डीपीआर यानी कि डिजिटल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। वहीं इस योजना को सब और अधिक विस्तार दिए जाने के ऊपर काफी सोच-विचार चल रहा है। इस परियोजना के तहत बनाए गए अबतक के प्लान के मुताबिक रेल श्रद्धालुओं को चार धाम के बीच रास्ते मे छोड़ने वाली है। मगर अब इस योजना में थोड़े मोडिफिकेशन करके श्रद्धालुओं को केवल अधूरे रास्ते में ना छोड़ कर सीधे धामों तक पहुंचाने की योजना पर भी काफी विचार चल रहा है।

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इसके लिए धाम तक केबल कार और रैक रेल पहुंचाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसका अर्थ है कि अब उत्तराखंड में चार धामों की यात्रा करने जाने वाले श्रद्धालुओं को चार धाम रेल परियोजना के तहत धाम के आधे रास्ते में न छोड़कर धाम तक पहुंचाने की तैयारियां की जा रही हैं। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया अब तक डिसाइड हुए प्लान के मुताबिक चार धाम परियोजना में केदारनाथ से सोनप्रयाग, गंगोत्री से मनेरी, यमुनोत्री से बड़कोट और बद्रीनाथ से माणा तक रेल पहुंचाए जाने का निर्णय लिया गया है। मगर पिछले कुछ दिनों से रेलवे बोर्ड और आरबीएनएल की संयुक्त बैठक में सीधे चार धामों तक की रेल पहुंचाने पर विचार विमर्श किया जा रहा है। इसके तहत जहां तक प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है उससे भी आगे केबल कार और रैक रेल पहुंचाने के विचार के ऊपर विमर्श किया जा रहा है। संभावना है कि इस विचार को आने वाले दिनों में धरातल पर उतारा जाएगा।

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हालांकि अभी इस पर मुहर नहीं लग पाई है। मगर इस विचार को भविष्य में कभी धरातल पर उतारा जाएगा और यह मुमकिन हो पाएगा तो चार धाम जाने वाले यात्री सीधा धाम तक ही रेल की यात्रा कर सकेंगे और उनको रास्ते के बीच में नहीं उतरना पड़ेगा। जी हां, अगर ऐसा होता है तो यह उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड बैठक में अधिकतर सदस्यों ने इस विचार पर सहमति जताई है। ओम प्रकाश मालगुडी के अनुसार भारत में इससे पहले भी माउंटेन रेल या रेल रैक का सफल संचालन किया जा चुका है और यात्री इसका आनंद उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के नीलगिरी में माउंटेन रेल का सफल संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में नीलगिरी माउंटेन रेलवे तमिलनाडु में कुन्नूर से ऊटी के बीच में चलती है। उत्तराखंड में भी अगर चार धाम तक माउंटेन रेल या रेल रैक के संचालन को हरी झंडी मिलती है तो इससे न केवल केदारनाथ यात्रा सुगम हो जाएगी बल्कि यह विकास के लिहाज से भी बड़ी उपलब्धि साबित होगी।