उत्तराखंड रुद्रप्रयागTungnath Dham kapat closed

रुद्रप्रयाग: शीतकाल के लिए बंद हुए तुंगनाथ धाम के कपाट..अब यहां होगी पूजा

बाबा तुंगनाथ के दर्शनों के लिए अब श्रद्धालुओं को अगले साल तक इंतजार करना होगा। शीतकाल में बाबा तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं मक्कूमठ की जाएंगी।

Tungnath Dham: Tungnath Dham kapat closed
Image: Tungnath Dham kapat closed (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: शीतकाल की शुरुआत के साथ ही चारधाम की यात्रा के समापन का समय नजदीक आ गया है। दशहरे के दिन धामों के कपाट बंद होने की तिथि तय हुई थी। उसी के अनुसार आज रुद्रप्रयाग में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बुधवार को सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद धाम के कपाट बंद किए गए। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। अब बाबा तुंगनाथ के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को अगले साल तक इंतजार करना होगा। शीतकाल में बाबा तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं मक्कूमठ की जाएंगी। कपाट बंद करने से पहले बाबा तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा संपन्न हुई। उसके बाद कपाट बंद कर दिए गए। धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा तुंगनाथ की उत्सव डोली चोपता के लिए रवाना हो गई। जो कि उत्सव डोली का प्रथम पड़ाव है। 5 नवंबर यानी कल बाबा की डोली भनकुंड के लिए प्रस्थान करेगी। आगे पढ़िए

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भनकुंड से 6 नवंबर को उत्सव डोली मक्कूमठ स्थित श्री मार्कण्डेय मंदिर ले जाई जाएगी। जो कि बाबा तुंगनाथ का शीतकालीन गद्दीस्थल है। डोली के मक्कूमठ पहुंचने के साथ ही यहां तृतीय केदार तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी। तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर धाम के मठाधिपति रामप्रसाद मैठाणी, पुजारी रविंद्र मैठाणी और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे। इस साल भगवान तुंगनाथ के दर्शन के लिए साढ़े चार हजार से ज्यादा तीर्थयात्री धाम पहुंचे हैं। आपको बता दें कि शीतकाल के लिए चारों धाम के कपाट बंद करने की तिथियां तय कर दी गई हैं। 15 नवंबर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद किए जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने के लिए 19 नवंबर का दिन तय किया गया है। इसी दिन भविष्य बदरी और द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट भी बंद होंगे।