अल्मोड़ा: बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है। वो कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। दिल्ली के एक अस्पताल में बुधवार को देर रात उन्होंने आखिरी सांस ली। सल्ट क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की गिनती बीजेपी के तेजतर्रार नेताओं में होती थी। वो विधायी कार्यवाही के अच्छे जानकार थे। जनता के बीच लोकप्रिय थे। अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को वो समय-समय पर उठाते रहे। सुरेंद्र सिंह जीना की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगया जा सकता है कि वह लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचे थे। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उत्तराखंड का ये लोकप्रिय नेता यूं अचानक दुनिया को अलविदा कह देगा। 15 दिन पहले उनकी पत्नी का निधन हुआ था, जिसके बाद से सुरेंद्र सिंह जीना गहरे सदमे में थे। उन्होंने भोजन छोड़ दिया था। आगे पढ़िए
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बाद में वो कोरोना संक्रमित हो गए। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी उनकी जान बच नहीं सकी। सुरेंद्र सिंह जीना का जन्म ताड़ीखेत विकासखण्ड के नैटी गांव में 08 दिसम्बर 1969 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। साल 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य भी रहे। साल 2001 में उन्होने बीजेपी ज्वाइन की और भिकियासैंण, सल्ट, स्याल्दे क्षेत्र में सामाजिक कार्यों में भागीदारी शुरू कर दी। 51 साल के सुरेंद्र सिंह जीना अल्मोड़ा के भिकियासैंण से साल 2007 में पहली बार चुनाव जीते। परिसीमन के बाद उन्होंने साल 2012 और 2017 में सल्ट विधानसभा से चुनाव लड़ा। दोनों ही बार उन्हें जीत हासिल हुई। बताया जा रहा है कि त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावनाओं के बीच उन्हें मंत्री बनाने की चर्चाएं हो रही थी। उनके असामयिक निधन से बीजेपी में शोक की लहर है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी उनके निधन पर दुख जताया।