उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand police will soon be transferred

उत्तराखंड: मैदान में 8 साल से नौकरी कर रहे पुलिसकर्मी अब पहाड़ जाएंगे..नहीं चलेगी सेटिंग

जो भी पुलिसकर्मी मैदान में 8 सालों से नौकरी कर रहे हैं उनको जल्द ही पहाड़ों पर पोस्टिंग मिल सकती है। आगे पढ़िए पूरी खबर

Uttarakhand Police: Uttarakhand police will soon be transferred
Image: Uttarakhand police will soon be transferred (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस व्यवस्था आमजन के साथ-साथ अब खुद के विभाग के लिए भी सख्त हो चली है। स्मार्ट पुलिस बनाने के लिए पुलिस व्यवस्था को खुद में भी बदलाव करने बेहद जरूरी हैं और वे बदलाव कर भी रहे हैं। मैदानी इलाकों में पुलिस की आरामदायक नौकरी करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए एक बेहद बड़ी खबर सामने आ रही है। अब उनकी पहाड़ों पर ड्यूटी करने की बारी जल्द ही आने वाली है। अब मैदान में जो भी पुलिसकर्मी 8 सालों से नौकरी कर रहे हैं उनको जल्द ही पहाड़ पर तबादला मिल सकता है। डीजी कानून व्यवस्था ने अब ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं जो पिछले 8 सालों से मैदान में नौकरी कर रहे हैं। इन पुलिसकर्मियों को जल्द ही पहाड़ चढ़ना पड़ सकता है। डीजी अशोक कुमार ने कहा है कि अब कर्मचारियों के मैदान में रुकने की सेटिंग-गेटिंग पर भी ध्यान दिया जाएगा। जो भी पुलिसकर्मी अपने ट्रांसफर पर रोक लगाते हैं, अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। यह तो सबको पता ही होगा कि पहाड़ पर नौकरी करने के लिए कोई भी राजी नहीं होता है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के दुर्गम इलाकों में पुलिस कर्मी भी अन्य विभाग के कर्मचारियों की तरह नौकरी करने से कतराते हैं। आगे पढ़िए

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वैसे तो समय-समय पर पुलिसकर्मियों के तबादले हो जाते हैं मगर वह किसी तरह पोस्टिंग रोकने में कामयाब हो जाते हैं। हालांकि अधिकारियों ने सब इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। अब अटैचमेंट के जरिए पुलिस कर्मचारी मनचाही जगह पर पोस्टिंग नहीं रोक सकते हैं। अब आदेश जारी कर दिए हैं कि किसी की भी अटैचमेंट ज्यादा लंबी नहीं चलेगी। पिछले दिनों आईजी गढ़वाल रेंज ने भी लंबे समय से अटैचमेंट में चल रहे कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थान पर भेजने की बात कही थी। अटैचमेंट किसी भी एक निश्चित समय तक के लिए होता है, मगर पुलिस कर्मचारी सालों तक अपनी नौकरी अटैचमेंट में ही पूरी कर लेते हैं और वे एक ही जगह पर तैनात रहते हैं। मगर अब डीजी कानून व्यवस्था ने 8 साल के सेवाकाल को आधार बनाकर ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने को कहा है जिन्होंने मैदान में अपनी ड्यूटी के 8 साल गुजार दिए हैं ताकि वे पुलिसकर्मी अब पहाड़ पर भी ड्यूटी कर सके और पहाड़ी दुर्गम क्षेत्रों में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को मैदानी इलाके में ड्यूटी करने का अवसर मिले। डीजी अशोक कुमार का कहना है कि अब ट्रांसफर में सेटिंग-गेटिंग को भी नहीं चलने दिया जाएगा।