उत्तराखंड देहरादूनHarish Rawat said about retirement

उत्तराखंड: राजनीति से संन्यास लेंगे हरीश रावत, लेकिन रखी एक शर्त

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कमेटी के महासचिव हरीश रावत ने 2024 में राहुल गांधी के पीएम बनने के बाद राजनीति से सन्यास लेने की बात कही

Harisha Rawat: Harish Rawat said about retirement
Image: Harish Rawat said about retirement (Source: Social Media)

देहरादून: कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो शुरुआत से उत्तराखंड की राजनीति में सक्रिय रही है और राज्य में अपना वर्चस्व भी स्थापित कर चुकी है। मगर अब कांग्रेस पार्टी के महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके पदाधिकारियों के बीच के संबंध कड़वे नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड की राजनीति में हरीश रावत एक ऐसा नाम हैं जिनकी छवि शुरुआती दौर से उत्तराखंड की राजनीति में शक्तिशाली रही हैं और उन्होंने कांग्रेस पार्टी में एक बेहद बड़ा योगदान भी दिया है। मगर अब लग रहा है कि हरदा का जादू उत्तराखंड में नहीं चल पा रहा है। उनकी पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा कांग्रेस की उत्तराखंड में हार को लेकर हरदा को दोषी करार दिया जा रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर हरदा द्वारा भी कांग्रेस पार्टी के प्रति हमेशा से निष्ठावान रहने की बात कही गई है। उन्होंने खुद की तुलना महाभारत के अर्जुन से भी की और उन्होंने एक शर्त पर राजनीति से संन्यास लेने की बात भी कही है। 2022 के चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी के बीच यह तकरार कहीं भारी न साबित हो जाए

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बीते दिनों हरीश रावत ने कहा था कि अगर 2022 के चुनावों में कांग्रेस सत्ता में आती है तो जनता को बिजली और पानी मुफ्त दिया जाएगा। मगर लगता है कि हरीश रावत का यह लुभावना वादा कांग्रेस के पदाधिकारियों को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में उन्होंने इस वायदे से पूरी तरह कन्नी काट ली है। केवल यही नहीं बल्कि कर्णप्रयाग में पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में हाल ही में प्रीतम सिंह ने हरदा का नाम लिए बगैर ही उनके ऊपर तंज कसा और कहा कि 2017 में कांग्रेस की हार के पीछे केवल वही जिम्मेदार हैं। अब लग रहा है कि प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों और हरीश रावत के बीच उत्पन्न हुई दरार और अधिक बढ़ रही है। दिन प्रति दिन दोनों के बीच की दूरियां बढ़ती जा रही हैं और बयानबाजी के चलते कांग्रेस अपनी बची कुची जमीन भी उत्तराखंड में खोती जा रही है। कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई आने वाले चुनाव में काफी असर डालेगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस बात को बेहतर तरीके से समझते हैं कि उनकी पार्टी में अब उनकी कदर नहीं की जा रही है और उनका उत्तराखंड कांग्रेस के लिए योगदान भुलाया जा चुका है।

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हरीश रावत का कद उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बहुत ऊपर है और अब वे कांग्रेस कमेटी के महासचिव के पद पर भी तैनात हैं मगर इसके बावजूद भी कांग्रेस में हरदा को अब उतनी तवज्जो नहीं दी जा रही है। इस बात को हरदा अच्छे से समझते हैं और इसलिए हरदा अब राजनीति से संन्यास लेने की बात कर रहे हैं। हरदा ने अपनी फेसबुक पर यह पोस्ट लिखते हुए कहा वे 2024 में में राहुल गांधी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सन्यास लेंगे। हरदा लिखते हैं " मैं अपना दर्द बयान करते हुए कह रहा हूं कि मैं संन्यास लूंगा और अवश्य लूंगा। मगर 2024 में राहुल गांधी के नेतृत्व में संवैधानिक लोकतंत्रवादी शक्तियों की विजय और श्री राहुल गांधी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पाएगा। तब तक मेरे शुभचिंतक मेरे सन्यास के लिए प्रतीक्षारत रहें। " केवल यही नहीं फेसबुक पर हरीश रावत ने खुद की तुलना महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन से की। उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक सफर में शुरुआती दिनों के अंदर कई बार घाव लगे। उन्होंने कई बार हार भी झेली है, मगर उन्होंने कभी भी कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा और वह शुरुआत से ही कांग्रेस के साथ चलते आ रहे हैं। ना ही उन्होंने अपनी राजनीति से निष्ठा बदली और ना ही चुनावी अखाड़े को बदला है। हरदा के फेसबुक पर लिखे राहुल गांधी के पीएम बनने के बाद सन्यास लेने वाली बात के बाद से वे एक बार फिर चर्चा का विषय बन चुके हैं।