उत्तराखंड देहरादूनCM Trivendra Singh Rawat met Kiran Negi family

किरन नेगी गैंगरेप कांड: CM त्रिवेन्द्र बोले- ‘चुप नहीं बैठेंगे, सुप्रीम कोर्ट में लड़ेंगे बेटी के लिए लड़ाई’

9 फरवरी 2012 को कुछ दरिंदों ने किरन को अगवा कर लिया था। आरोपी 3 दिन तक कार में वीभत्स तरीके से किरन के साथ गैंगरेप करते रहे। बाद में उसकी हत्या कर दी गई।

Trivendra Singh Rawat: CM Trivendra Singh Rawat met Kiran Negi family
Image: CM Trivendra Singh Rawat met Kiran Negi family (Source: Social Media)

देहरादून: दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 8 साल पहले पहाड़ की बेटी किरन नेगी के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे देश को झकझोर दिया था। किरन को इंसाफ दिलाने के लिए जगह-जगह प्रदर्शन हुए। पहाड़ के लोगों ने सड़कों पर उतर कर सरकार से किरन को इंसाफ दिलाने की मांग की। इस घटना को 8 साल बीत चुके हैं, लेकिन किरन का परिवार आज भी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। साल 2018 में दिल्ली के नजफगढ़ में हैवानियत का शिकार हुई किरन नेगी के माता-पिता ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। उन्होंने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई। सीएम त्रिवेंद्र ने भी भरोसा दिया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तेज करने में सरकार की तरफ से हर जरूरी मदद की जाएगी।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पहाड़ की बेटी किरन के साथ जो हुआ, वो हैवानियत की हदें पार करने वाला था। बेटियों के साथ हैवानियत करने वालों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। सीएम ने कहा कि सरकार किरन के परिजनों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। यहां आपको पूरी घटना के बारे में भी जानना चाहिए। पहाड़ की रहने वाली किरन नेगी दिल्ली के नजफगढ़-छावला में रहती थी। 9 फरवरी 2012 को वो जॉब कर के घर लौट रही थी। तभी कुछ दरिंदों ने उससे छेड़खानी शुरू कर दी। किरन ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसे अगवा कर लिया। आरोपी 3 दिन तक कार में वीभत्स तरीके से किरन के साथ गैंगरेप करते रहे। दरिंदगी के बाद किरन की आंखों और कानों में तेजाब डालकर हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं।

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किरन के प्राइवेट पार्ट को लोहे की रॉड और कांच की बोतलों से नुकसान पहुंचाया गया। दरिंदगी की सारी हदें पार करने के बाद आरोपियों ने किरन का गला घोंटकर उसे मार डाला। पहाड़ की बेटी के साथ हुई इस बर्बर घटना से दिल्ली में भूचाल सा आ गया था। किरन के गुनाहगारों को सजा दिलाने के लिए पूरा उत्तराखंड समाज एकजुट होकर सड़कों पर उतर आया। आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई। द्वारका कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी। तब से किरन के माता-पिता बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें हर तरह से मदद देने का आश्वासन दिया है।