उत्तराखंड अल्मोड़ाStory of Asht Bhairav Almora

देवभूमि में मौजूद है दुनिया का एकमात्र खूबसूरत शहर..जहां अष्ट भैरव करते हैं निवास

काषाय पर्वत की चोटी पर बसा अल्मोड़ा शहर दुनिया का इकलौता ऐसा शहर है जहां अष्ट भैरव का निवास है और वे कवच बन कर नगर वासियों की सुरक्षा करते हैं।

Almora Special: Story of Asht Bhairav Almora
Image: Story of Asht Bhairav Almora (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: हाल ही में सोमवार को भैरव अष्टमी बीती और भैरव अष्टमी के दिन सांस्कृतिक नगरी माने जाने वाली अल्मोड़ा की सुंदरता देखने लायक थी। अल्मोड़ा में बाबा भैरव को मानने वाले श्रध्दालुओं ने पूरे मन से और श्रद्धा के साथ भैरव बाबा की पूजा और अर्चना की। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को नौ दुर्गा और अष्ट भैरव की नगरी भी कहा जाता है और भैरव बाबा अल्मोड़ा में 8 अलग-अलग मंदिरों के अंदर विराजमान हैं। अल्मोड़ा नगरी में लोगों को भैरव बाबा के ऊपर पर अटूट विश्वास है और यह विश्वास सदियों से कायम है। भैरव अष्टमी के दिन अष्ट भैरव की नगरी में श्रद्धालुओं ने भैरव बाबा के सभी मंदिरों में उनकी पूजा और अर्चना की। अष्ट भैरवी के पावन अवसर पर नगर के सभी मंदिरों में पूजा-पाठ का आयोजन किया गया और भंडारा भी हुआ। श्रद्धालुओं ने भैरव अष्टमी के दिन मंदिर में आकर भैरव बाबा की पूजा-अर्चना की और उनके दर्शन किए। सोमवार को पूरे दिन भैरव बाबा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती नजर आई।

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ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के अवतार भैरव बाबा स्वयं अल्मोड़ा नगरी की रक्षा करते हैं। अगर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो सांस्कृतिक नगरी माने जाने वाली अल्मोड़ा का स्थान काफी महत्वपूर्ण है और यहां ऐसे कई मंदिर अस्तित्व में है जिन पर लोगों का अटूट विश्वास है। अल्मोड़ा नगर के अंदर दुर्गा माता के 9 मंदिर हैं और भैरव बाबा के 8 मंदिर हैं जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है और अलग-अलग रूप में उनकी पूजा की जाती है। अल्मोड़ा में भैरव बाबा बटुक भैरव, काल भैरव, खुटकुनिया भैरव, वन भैरव, लाल भैरव, शंकर भैरव, बाल भैरव और शै: भैरव के अंदर विराजमान हैं। आपको एक रोचक बात और बताते हैं। अल्मोड़ा दुनिया का एकमात्र ऐसा शहर है जहां पर अष्ट भैरव निवास करते हैं

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भैरव अष्टमी के शुभ दिन भैरव बाबा के सभी मंदिरों में श्रद्धालु पूजा पाठ करने पहुंचे और सभी मंदिरों में भंडारे का आयोजन भी किया गया। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर वर्ष काल भैरव अष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव का अवतरण हुआ था। मान्यता के अनुसार काषाय पर्वत की चोटी पर बसे इस शहर की खासी विशेषता है कि यह दैवीय शक्तियों से परिपूर्ण है। यह शहर चारों ओर से अष्ट भैरव व नव दुर्गा मंदिरों से घिरा है। मान्यता है कि सदियों से अष्ट भैरव व नौ दुर्गा इस शहर को सुरक्षित रखे हुए हैं। आपदाओं के वक्त ये दैवीय शक्तियां शहर को सुरक्षित बाहर निकाल लेती हैं। अष्ट भैरव और नौ दुर्गा शहर का कवच बन कर नगर वासियों की सुरक्षा करते हैं। पूरी दुनिया में से केवल अल्मोड़ा में भैरव बाबा निवास करते हैं और यही कारण है कि भैरव बाबा के ऊपर अल्मोड़ा के लोगों का अटूट विश्वास है जो कि वर्षों से चला आ रहा है।