देहरादून: प्रदेशवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। देहरादून से देश की राजधानी दिल्ली का सफर आसान होने जा रहा है। देहरादून को दिल्ली से जोड़ने के लिए 180 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे बनाया जाना है। तीन महीने के भीतर प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा। परियोजना के पहले दो चरणों के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है। दो कंपनियों का चयन कर काम शुरू करने को कहा गया है। टेंडर की शर्त के अनुसार कंपनियों को तीन महीने के भीतर निर्माण कार्य शुरू करना होगा। उत्तराखंड से दिल्ली की कनेक्टिविटी के लिहाज से ये प्रोजेक्ट बेहद महत्वपूर्ण है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे बनने के बाद लोगों को यात्रा की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा टेंडर की शर्त में प्रोजेक्ट का काम 24 महीने के भीतर पूरा करने की बात भी शामिल है।
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इस तरह अगर टेंडर की शर्तों के अनुसार काम हुआ तो जनवरी 2023 तक अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल (बागपत बॉर्डर) तक छह लेन का एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो जाएगा। चलिए अब आपको प्रस्तावित रूट के बारे में बताते हैं। दून से दिल्ली की दूरी कम करने के लिए अक्षरधाम से एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। जो गाजियाबाद में लोनी के रास्ते बागपत, शामली, सहारनपुर से होते हुए गणेशपुर और फिर देहरादून तक पहुंचेगा। पहले चरण में दिल्ली से यूपी बॉर्डर तक तकरीबन 14 किमी एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। दूसरे चरण में यूपी बॉर्डर से ईस्टर्न पेरिफेरल (बागपत बॉर्डर) तक का काम होना है, जिसकी दूरी तकरीबन 16 किमी है। तीसरे चरण में सहारनपुर (गणेशपुर) से देहरादून तक एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा।
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नया एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी घटकर 180 किलोमीटर रह जाएगी। अभी दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी करीब 240 किलोमीटर है जिसे तय करने में पांच से छह घंटे का समय लगता है। दून से दिल्ली तक का सफर उबाऊ होने के साथ ही तकलीफ भी देता है। नया एक्सप्रेस-वे बनने के बाद देहरादून से गाजियाबाद पहुंचने में सिर्फ ढाई घंटे लगेंगे। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि परियोजना के पहले दो चरणों के लिए टेंडर हो गए हैं। दोनों कंपनियों को तीन महीने के भीतर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। पहले चरण के निर्माण में 1065 करोड़ और दूसरे चरण के निर्माण में 1325 करोड़ रुपये खर्च होंगे।