उत्तराखंड रुद्रप्रयागKedar Valley tableau will be seen on Rajpath on 26 January

उत्तराखंड: इस बार 26 जनवरी को राजपथ में दिखेगी बाबा केदार और केदारघाटी की झांकी

इस वर्ष राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय केदारखण्ड रखा गया है। झांकी के अग्र भाग में राज्य पशु कस्तूरी मृग, राज्य पक्षी मोनाल एवं राज्य पुष्प ब्रह्मकमल को दर्शाया गया है।

Uttarakhand 26 January Rajpath: Kedar Valley tableau will be seen on Rajpath on 26 January
Image: Kedar Valley tableau will be seen on Rajpath on 26 January (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: इस वर्ष राजपथ नई दिल्ली में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड-2021 के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम रुप से चयन कर लिया गया है। भारत सरकार द्वारा इस हेतु दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 को आदेश जारी कर दिये गये हैं। महानिदेशक, सूचना डॉ0 मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में पांच बार की बैठक के पश्चात उत्तराखण्ड राज्य की झांकी को भी गणतंत्र दिवस परेड में स्थान मिला है। इस वर्ष राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय केदारखण्ड रखा गया है। झांकी के अग्र भाग में राज्य पशु कस्तूरी मृग, राज्य पक्षी मोनाल एवं राज्य पुष्प ब्रह्मकमल तथा पार्श्व भाग में केदारनाथ मन्दिर परिसर एवं ऋद्धालुओं को दर्शाया गया है। आगे जानिए इस बारे में कुछ खास बातें

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झांकी के चयन हेतु रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में आयोजित पांच स्तर की बैठकों में विभाग के उपनिदेशक, श्री के.एस.चौहान द्वारा झांकी के थीम, डिजाइन, मॉडल तथा संगीत आदि का सफल प्रस्तुतिकरण किया गया जिसके फलस्वरुप राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड-2021 में अन्तिम रुप से चयनित किया गया है। झांकी डिजाइन के चयन की एक बहुत जटिल प्रक्रिया होती है, इस वर्ष प्रारम्भ में 32 राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशों ने प्रतिभाग किया था जिसमें से अंतिम रुप से केवल 17 राज्यों का चयन किया गया है। इससे पूर्व उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्ष 2003 में फूलदेई, वर्ष 2005 में नंदाराजजात, वर्ष 2006 में फूलों की घाटी, वर्ष 2007 में कार्बेट नेशनल पार्क, वर्ष 2009 में साहसिक पर्यटन, वर्ष 2010 में कुम्भ मेला हरिद्वार, वर्ष 2014 में जड़ी बूटी, वर्ष 2015 में केदारनाथ, वर्ष 2016 में रम्माण, वर्ष 2018 में ग्रामीण पर्यटन तथा वर्ष 2019 में अनाशक्ति आश्रम (कौसानी प्रवास एवं अनाशक्ति) विषयों पर आधारित झांकियों का सफल प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।