उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से बेहद बुरी खबर सामने आ रही है। बागेश्वर जिले के कपकोट में एक पुराने घर की मरम्मत करते हुए एक दंपती की मृत्यु हो गई। दंपती के घर में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था और घर की मरम्मत के लिए मिट्टी खोदते समय मिट्टी का टीला ढह गया और मिट्टी के टीले के नीचे दबने से दोनों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। घटना के बाद से ही उनके परिजनों के बीच में कोहराम मचा हुआ है। दोनों के बच्चों के सिर के ऊपर से माता-पिता का साया उठ चुका है। दोनों का एक मासूम 9 साल का बेटा और 2 साल की बेटी है जिनको अब माता-पिता का प्रेम कभी नसीब नहीं होगा। हादसे के बाद से सभी को दंपती के बच्चों की चिंता सता रही है। पुलिस ने दोनों के शव पोस्टमार्टम कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। चलिए अब आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले के जगथाना में 31 वर्षीय देवेंद्र सिंह अपनी 26 वर्षीय पत्नी गीता देवी के साथ रहते थे। उनके दो बच्चे भी हैं। बड़े बेटे की उम्र 9 साल है और महज 2 साल की उनकी छोटी बेटी है।
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बताया जा रहा है कि बीते मंगलवार को दोनों दंपती घर बनाने के लिए पास की ही एक जगह पर मिट्टी खोद रहे थे। मिट्टी खोदने के दौरान मिट्टी का टीला ढह गया और दोनों दंपती मिट्टी के नीचे दब गए और उनकी दर्दनाक मृत्यु हो गई। घटना का पता तब लगा जब दोनों लोग शाम के 5 बजे तक भी घर नहीं पहुंचे। जिसके बाद परिजनों को कुछ अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने गांव वालों के साथ देवेंद्र और गीता देवी की खोजबीन शुरू की। जब गांव वालों ने मिट्टी खोदने के औजार मिट्टी के टीले के पास हुए देखे तो उन्होंने इस घटना की जानकारी बिना देरी के पुलिस को और तहसील प्रशासन को दी। जानकारी मिलने पर कपकोट की नायब तहसीलदार पूजा शर्मा, राजस्व पुलिस कर्मी और एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हुई और रात में तकरीबन 1 बजे कड़ी मशक्कत के बाद दोनों के शवों को मिट्टी के टीले के नीचे से निकाला जा सका
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पुलिस ने बुधवार को दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय में भेज दिया है और बागेश्वर में दोनों के शवों का पोस्टमार्टम के बाद अब दोनों के शवों को परिजनों को सौंप दिया है। घटना के बाद से ही ग्रामीणों और परिजनों के बीच में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि देवेंद्र सिंह मुंबई में नौकरी करता था और वह लॉकडाउन के बाद मुंबई से वापस अपने गांव में लौट गया। देवेंद्र इन दिनों अपने पुराने मकान की मरम्मत करा रहा था और देवेंद्र और उसकी पत्नी गीता देवी इसी के लिए मिट्टी खोदने के लिए मिट्टी के टीले पर गए थे और मिट्टी खोदने के दौरान ही टीला उनके ऊपर गिर गया और दोनों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। दोनों के परिजन उनके मासूम बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता में है। दंपती की मौत के बाद से ही उनके दोनों बच्चे अनाथ हो गए हैं। देवेंद्र का 9 साल का लड़का और 2 साल की एक मासूम बेटी है जिनके ऊपर से माता-पिता का साया उठ चुका है। हादसे के बाद से ही गांव में शोक की लहर पसर गई है। वहीं परिजनों ने और गांव के लोगों ने सरकार और प्रशासन से देवेंद्र और गीता के बच्चों के पालन-पोषण और उनका भविष्य सुरक्षित रखने के लिए व्यवस्था करवाने की मांग की है।