चमोली: एक बड़ी खबर चमोली जिले से आ रही है। जिले के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर फटने की खबर है। जिससे धौली नदी में बाढ़ आ गई है। यहां एवलांच के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। बाढ़ के खतरे के मद्देनजर चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि जब ये हादसा हुआ उस वक्त दोनों प्रोजेक्ट पर कई मजदूर काम कर रहे थे, इनके बाढ़ में बहने की सूचना है। सोशल मीडिया पर हादसे के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। चमोली समेत दूसरे जिलों में नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस घटनाक्रम पर निगरानी रख रहे हैं। चमोली प्रशासन का कहना है कि क्षेत्र में काफी नुकसान की सूचना आ रही है, लेकिन फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। प्रशासन की टीम को मौके पर भेजा गया है। घटना रविवार सुबह की है। एवलांच के बाद चमोली जिले के अंतर्गत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की तरफ बढ़ा। जिसकी वजह से रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। जिससे हालात और बिगड़ गए। हादसे के वक्त दोनों प्रोजेक्ट पर बड़ी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे। जिनके बहने की सूचना है।
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स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार, गढ़वाल की नदियों में पानी ज्यादा बढ़ा हुआ है। करंट लगने से कई लोग लापता बताए जा रहे है। वहीं, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो। प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी आपदा को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि चमोली जिले से एक आपदा का समाचार मिला है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने के आदेश दिए गए हैं। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।