चमोली: उत्तराखंड में बीते रविवार को चमोली में ग्लेशियर हादसे के बाद से ही समस्त उत्तराखंड अब भी इस नुकसान से उभर नहीं पाया है। हादसा बेहद अविश्वसनीय था। इस हादसे के बाद से ही उत्तराखंड प्रशासन सतर्क हो गया है और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पीएम मोदी ने उत्तराखंड को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। बीते 2 दिनों से आइटीबीपी के जवान और अन्य राहत बचाव दल के सदस्य लोगों की मदद कर रहे हैं। बता दे कि कई मजदूर जो कि हादसे के वक्त डैम में काम कर रहे थे। वे ग्लेशियर के टूटने के साथ ही नदी में आए उफान में बह गए और उनका अभी तक पता नहीं लग पाया है। कई मजदूरों से संपर्क नहीं हो पाया है। इसके बाद से ही उनके परिजन सदमे में हैं और वे प्रशासन से लगातार उनको ढूंढने की गुहार लगा रहे हैं।
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चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से झारखंड के 9 मजदूरों के गायब होने की खबर आ रही है। आपदा के बाद से ही इन मजदूरों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह सभी मजदूर झारखंड के लोहरदगा के निवासी हैं और यह उन मजदूरों में शामिल हैं जो कि आपदा के बाद से लापता है और उनका अभी तक कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है। आपदा के बाद से ही मजदूरों से संपर्क नहीं हो पाने के बाद से उनके परिजन बेहद सदमे में हैं और प्रशासन से लगातार उनको ढूंढने की गुहार लगा रहे हैं। बेबस और लाचार परिजनों ने लोहरदगा जिला प्रशासन से गुमशुदा मजदूरों का पता लगाने की गुहार लगाई है। आपको बता दें के हादसे के बाद से लापता हुए सभी मजदूरों के गांव में सन्नाटा छा गया है और उनके परिवार वाले बेहद चिंता में आ रखे हैं।
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लापता मजदूरों में दीपक उरांव, रविन्द्र उरांव, मजनू बाखला, ज्योतिष बाखला, सुनील बाखला, उरवानुस बाखला आदि शामिल हैं। आपको बता दें कि अब तक 200 से भी अधिक लोग लापता हो रखे हैं और उनका कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है। इस सैलाब में कई लोग बह गए हैं और पुलिस ने 18 के शव बरामद कर लिए हैं। बीते रविवार को ग्लेशियर का हिस्सा टूटकर गिरने के बाद ऋषि गंगा नदी में विकराल बाढ़ आने से उत्तराखंड को भारी आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। चमोली जिले के तपोवन में राहत और बचाव कार्य अभी भी चल रहा है और आईटीबीपी के जवान लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं।