चमोली: चमोली में आई आपदा ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। जो लोग रोजी-रोटी की तलाश में पहाड़ों की खाक छान रहे थे, रविवार को आए सैलाब में उनकी जिंदगी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। चमोली आपदा में जान गंवाने वाले लोगों में बागेश्वर के रहने वाले इंजीनियर दीपक कुमार भी शामिल हैं। दीपक कुमार का परिवार भतौड़ा में रहता है। रविवार को चमोली में हुई जलप्रलय के दौरान 28 साल के दीपक लापता हो गए थे। ये मनहूस खबर मिलने के बाद से परिवारवाले बेहद परेशान थे, लेकिन उन्हें उम्मीद थी की दीपक जहां भी होंगे, सुरक्षित होंगे। पर मंगलवार को ये उम्मीद भी टूट गई। बीते दिन चले रेस्क्यू अभियान के दौरान पुलिस और आईटीबीपी ने मलबे से एक शव बरामद किया। मरने वाले युवक की पहचान इंजीनियर दीपक कुमार के रूप में हुई। घटनास्थल पर मौजूद बड़े भाई अरुण कुमार ने शव की पहचान की। दीपक कुमार ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में बतौर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कार्यरत थे। मृतक के परिजनों ने बताया कि दीपक पिछले एक साल से यहां काम कर रहे थे। इससे पहले दीपक कुमार उत्तर भारत हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे।
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7 फरवरी की सुबह दीपक ने अपने परिजनों को मोबाइल पर मैसेज किया था। बाद में परिजनों और दीपक के बीच बातचीत भी हुई। बातचीत के दौरान दीपक ने बताया कि उसकी नाइट ड्यूटी थी, वो कुछ ही देर पहले घर आया है। अब वह आराम करेगा। परिजनों और दीपक के बीच हुई ये आखिरी बातचीत थी। रविवार को चमोली में हुई तबाही के बाद घबराए हुए परिजनों ने दीपक से संपर्क करने की कई बार कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। 8 फरवरी को दीपक के बड़े भाई अरुण कुमार घटनास्थल के लिए रवाना हुए। वो भतौड़ा गांव के प्रधान भी हैं। मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे से दीपक का शव बरामद हुआ। दीपक की मौत की खबर मिलते ही जिले में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने दीपक के निधन पर शोक जताते हुए, उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।