उत्तराखंड चमोली6 youths of Panjia village missing in Chamoli disaster

चमोली आपदा: पंजिया गांव के 6 युवक लापता..गांव वालों ने पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार

सरकार प्रभावितों को मुआवजा देने की बात कह रही है, लेकिन ये मुआवजा इन लोगों की जिंदगी में आए सूनेपन और अपनों की कमी को कभी नहीं भर पाएगा। इनकी जिंदगी मानों ठहर सी गई है।

Chamoli disaster: 6 youths of Panjia village missing in Chamoli disaster
Image: 6 youths of Panjia village missing in Chamoli disaster (Source: Social Media)

चमोली: चमोली में आया आपदा का सैलाब अपने पीछे दर्द की अनगिनत कहानियां छोड़ गया। विकासनगर का कालसी विकासखंड ऐसी ही दुखद कहानी का गवाह बनकर रह गया है। यहां एक गांव है पंजिया। इस गांव में रहने वाले कुछ बेटे रोजी-रोटी की तलाश में चमोली गए थे, लेकिन 7 फरवरी को आये सैलाब के बाद ये कभी नहीं लौट सके। बीते रविवार को लापता लोगों में 4 युवकों को मृत मानकर परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया। आपदा के बाद से पंजिया गांव के रहने वाले तीन युवकों के शव बरामद हो चुके हैं। जबकि छह युवक अब भी लापता हैं। जौनसार क्षेत्र में आने वाले पंजिया गांव में आपदा के बाद से कई घरों में चूल्हा नहीं जला। यहां हर वक्त खौफनाक सन्नाटा पसरा रहता है। आपदा के बाद गांव में रहने वाले अनिल पुत्र थेफा, सरदार सिंह पुत्र जूईया और अनिल पुत्र भगतू का शव बरामद हो चुका है, लेकिन कई लोग अब भी लापता हैं। लापता लोगों में संदीप चौहान पुत्र जवाहर सिंह, जीवन सिंह चौहान पुत्र जवाहर सिंह, हर्ष चौहान पुत्र पूरण सिंह और कल्याण सिंह चौहान पुत्र कल सिंह शामिल हैं।

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विक्रम सिंह पुत्र नारायण सिंह और जगदीश पुत्र स्वर्गीय धूम सिंह भी लापता हैं। आपदा के बाद से इन लोगों का कुछ पता नहीं चला। लापता युवकों के परिजनों ने कलेजे पर पत्थर रखकर उन्हें मृत मान लिया है। 4 युवकों का उनके परिजन अंतिम संस्कार भी कर चुके हैं। आपदा के बाद से लापता संदीप और जीवन सगे भाई हैं, ये दोनों तीन महीने पहले ही मजदूरी करने के लिए जोशीमठ गए थे। संदीप चौहान की 1 मई को शादी होनी थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन रविवार की सुबह सब खत्म हो गया। संदीप के परिवार ने दो-दो बेटे खोए हैं। इसी तरह पाटा के रहने वाले विक्रम का भी आपदा के बाद से कुछ पता नहीं चला। विक्रम के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। बूढ़े माता-पिता हैं, विक्रम ही इस परिवार का एकलौता सहारा था, लेकिन आपदा ने उसे भी छीन लिया। पंजिया गांव के रहने वाले कल्याण सिंह की पत्नी भी रो-रोकर बेसुध हो गई है। कल्याण का दो महीने का बेटा है। आपदा ने इन परिवारों से सबकुछ छीन लिया। सरकार प्रभावितों को मुआवजा देने की बात कह रही है, लेकिन ये मुआवजा इन लोगों की जिंदगी में आए सूनेपन और अपनों की कमी को कभी नहीं भर पाएगा।