उत्तराखंड चमोलीPeople missing in Chamoli disaster will be declared dead

चमोली आपदा: लापता लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू..उम्मीदें खत्म

जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि लापता व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आगे पढ़िए पूरी खबर-

Chamoli disaster: People missing in Chamoli disaster will be declared dead
Image: People missing in Chamoli disaster will be declared dead (Source: Social Media)

चमोली: चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा को 15 दिन से भी अधिक बीत चुके हैं। 7 फरवरी से चमोली जिले में राहत बचाव कार्य अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस आपदा ने कई घरों के चिराग बुझा दिए हैं। कई लोग लापता हो रखे हैं जिनका पता नहीं लग पाया है। उनके परिजनों को उम्मीद है कि वे लौट आएंगे मगर अब तक उनका कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है जिसके बाद आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए शासन की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। बुधवार को जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार लापता व्यक्तियों की मृत्यु प्रमाण पत्र तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी। मृत्यु का पंजीकरण अधिनियम के अधीन मृत्यु होने से संबंधित स्थान पर किया जाएगा।

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चलिए आपको बताते हैं कि वे तीन श्रेणी कौन सी होंगी जिनके तहत आपदा में लापता हुए सभी व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे।पहली श्रेणी में उन लापता व्यक्तियों को रखा गया है जो कि निकटवर्ती स्थानों के स्थाई निवासी हैं। दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जनपदों के लापता निवासियों को रखा गया है और तीसरी श्रेणी में उन व्यक्तियों को रखा गया है जो कि अन्य राज्यों के पर्यटक और व्यक्ति थे और आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे। प्रथम श्रेणी के अंदर आने वाले लापता व्यक्तियों की सूची समाचार पत्र एवं सरकारी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी जाएगी और 30 दिनों का इंतजार किया जाएगा। 30 दिनों के भीतर सभी दावे एवं आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। यदि 30 दिनों के भीतर तक कोई भी दावा या आपत्ति नहीं मिलती हैं तो मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा।

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जो भी लापता व्यक्ति दूसरी और तीसरी श्रेणी में आ रहे हैं उन सभी लोगों के उत्तराधिकारी द्वारा एक शपथ पत्र के साथ लापता व्यक्ति की जानकारी दी जाएगी। यदि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही एफआईआर पंजीकृत की गई हो तो रिपोर्ट को स्थानीय जांच के लिए लापता व्यक्ति के मूल जनपद में भेजा जाएगा। मूल जनपद एवं राज्यों के लापता व्यक्तियों की सूची पर 30 दिनों के भीतर आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। यदि 30 दिन के भीतर-भीतर कोई आपत्ति नहीं मिलती है तो लापता व्यक्ति के जांच अधिकारी से प्राप्त जानकारी के आधार पर संबंधित अधिकारी द्वारा लापता व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया जाएगा।लापता व्यक्तियों की मृत्यु प्रमाण पत्र तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी। मृत्यु का पंजीकरण अधिनियम के अधीन मृत्यु होने से संबंधित स्थान पर किया जाएगा।