उत्तराखंड चमोलीThe main points of Uttarakhand budget 2021

ब्रेकिंग: CM त्रिवेन्द्र ने पेश किया उत्तराखंड का बजट...जानिए बजट की बड़ी बातें

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 4 बजे बजट पेश ...आइए आपको पॉइन्ट दर पॉइन्ट बजट की बड़ी बातें बता रहे हैं।

Uttarakhand budget 2021: The main points of Uttarakhand budget 2021
Image: The main points of Uttarakhand budget 2021 (Source: Social Media)

चमोली: 4 मार्च को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बजट पेश किया। इस बजट की खास बातें हम आपको बिंदुवार बता रहे हैं।
सीएम ने कहा कि हमने उत्तराखंड स्थापना के बीस साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर मैं सभी सेना के जवानों, पुलिस के जवानों, कोरोना योद्धाओं और जनता को शुभकामना देता हूं। इसके बाद उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस बजट में रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से कार्य किया।
सीएम ने कहा कि बीते 1 साल में गैरसैंण के विकास के लिए कई कार्य और घोषणाएं की गई हैं, आगामी 10 सालों में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से पूरे राजधानी क्षेत्र का विकास होगा, इसके लिए बड़ी योजना बनाने पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए परिसंपत्तियों पर निवेश को हमारी सरकार ने जरूरी समझा। कहा कि कृषि के जुड़ी समस्याओं और सभी प्रश्नों को समझने का प्रयास किया गया।
अप्रैल, 2017 से 31 जनवरी, 2021 तक विभिन्न विभागों के अन्तर्गत 7 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार/स्वरोजगार प्रदान किया गया है।
वर्ष 2017 से 2020 तक के 3 वर्षों में ही कुल 59 परीक्षायें आयोजित की जा चुकी थी जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया था। इस वित्तीय वर्ष में भी अब तक 6 परीक्षाओं के माध्यम से 1000 पदों पर चयन किया गया है। इस प्रकार पिछले 4 वर्षों में 65 परीक्षायें आयोजित हुई और कुल मिलाकर 7000 पदों पर मार्च, 2022 तक उपलब्ध है।
वर्तमान में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 6200 पदों हेतु अधियाचन एवं भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है। लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2017 से वर्तमान तक 3050 से अधिक पदों पर चयन किया गया है व 1100 पदों पर चयन की प्रक्रिया चल रही है।
सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद सरकार द्वारा राज्य सेक्टर में अनेक फ्लेगशिप कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं, जिनमें से प्रमुख हैय मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना, ग्रोथ सेण्टर्स की स्थापना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प0 दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे विकास योजना, मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना, सोलर पावर प्लाण्ट्स योजना, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना।
मोटर साइकिल टैक्सी सर्विस- योजना को मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत आवेदनकर्ता को प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटकों, यात्रियों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने हेतु सहकारी बैंकों के माध्यम से वाहन (मोटर साइकिल स्कूटर) क्रय करने हेतु 60 हजार से 1.25 लाख तक का 02 वर्षों तक का व्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। परिवहन विभाग टू व्हीलर टैक्सी सेवाओं हेतु गाइड लाइन तैयार करेगा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार की परिधि के अन्तर्गत इस योजना से 20 हजार युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।
नये होम स्टे निर्माण के अतिरिक्त पुराने भवनों की साज-सज्जा, उनका विस्तारध् नवीनीकरण, सुधार, शौचालयों के निर्माण के लिये मैदानी क्षेत्रों में 7.50 लाख एवं पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम दस लाख सब्सिडी की रूप में दिया जा रहा है। तथा व्याज में भी अधिकतम रू0 1.50 लाख प्रतिवर्ष का अनुदान भी देय है। माह 20 फरवरी, 2021 तक ऐसे 222 होम-स्टे तैयार हो चुके हैं तथा 2857 व्यक्तियों द्वारा होम-स्टे निर्मित करके उनका पंजीकरण कराया गया है।
अब तक राज्य में 8 नये इन्क्यूबेटर्स की स्थापना का कार्य प्रारम्भ किया गया है और राज्य के कई स्टार्टप्स ने अपनी विशिष्ट पहचान राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बनायी है। सीएम ने कहा कि इस दिशा में तेजी से प्रगति करेंगे और रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित होंगे।इनवेस्टर समिट उत्तराखंड के लिए वरदान साबित हुई। इस दौरान 1.24 लाख करोड़ के 601 एमओयू हस्ताक्षरित हो चुके हैं। जिसमें 30 सितम्बर, 2020 तक ही रू0, 25 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग भी हो चुकी थी। इनके परिणामस्वरूप भविष्य में राज्य में रोजगार के अनेकानेक अवसर प्राप्त होंगे।
राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम को और भी सरलीकृत व युक्तिसंगतीकृत किया गया है ताकि उद्यमियों को अधिकाधिक सहूलियत मिल सके। इसके परिणामस्वरूप अभी तक लगभग 4796 प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं। इनकी स्थापना से लगभग 10 30 हजार करोड़ का पूंजी निवेश प्राप्त होगा एवं अन्ततः एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
सिडकुल, हरिद्वार में एक मेडिकल डिवाइस पार्क राज्य सरकार द्वारा विकसित किया जाना प्रस्तावित है। देहरादून हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर में फार्मा उद्योग की प्रगति एवं रूझान को देखते हुए सिडकुल द्वारा छरबा (देहरादून) में 50 एकड़ भूमि पर एक फार्मासिटी की स्थापना पर विचार किया जा रहा है। इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों के लिए प्रदेश की जलवायु एवं क्षमताओं को देखते हुए काशीपुर में एक इलैक्ट्रॉनिक्स पार्क बनाये जाने का का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त सिडकुल द्वारा काशीपुर (उधमसिंह नगर) में अरोमा पार्क भी विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
कोविड-19 से प्रभावित राज्य में वापस लौटे प्रवासियों तथा उद्यमशील युवाओं के लिये राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020 में यह योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजनान्तर्गत अब 12072 लोगों ने स्वयं के उद्यम ध् व्यवसाय की स्थापना के लिये ऋण हेतु आवेदन किया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला कार्यदल की संस्तुति पर 8746 आवदेन पत्र बैंकों को अग्रसारित किये गये हैं, जिसमें से अभी तक 3140 आवेदकों को ऋण की स्वीकृति की जा चुकी है और 2216 आवेदकों को ऋण वितरित किया जा चुका है। इस योजना में 6648 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना प्रस्तावित की गयी है इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 10 हजार युवाओं को 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लाण्ट आवण्टित किये जायेंगे। इस योजना से राज्यध्जिला सहकारी बैंकों में 8 प्रतिशत ब्याज की दर पर योजना लागत की 70 प्रतिशत राशि ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जायेगी तथा योजना लागत की 25 से 25 प्रतिशत राशि मार्जिन मनी के रूप में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग द्वारा दी जायेगी। इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है.. इन सोलर पावर सयंत्रों से उत्पादित विद्युत को यू०पी०सी०एल० द्वारा 25 वर्षों तक क्रय किया जायेगा। योजना से लाभान्वित होने वाले उद्यमियों को प्रतिवर्ष लगभग रू0 65 से 70 हजार की विशुद्ध आय होगी। अभी तक इस योजना के अन्तर्गत 685 आनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके है जिनमें से 127 को आवण्टन पत्र निर्गत किये जा चुके है तथा 67 आवेदकों की पीपीए हस्ताक्षरित हो चुकी है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना डेयरी विकास घटक के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत किसानों को तीन व पांच दुधारू पशुओं के क्रय हेतु ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने की योजना प्रारम्भ की गयी है। योजना के अन्तर्गत प्रदेश के उन किसानों व बेरोजगार नौजवानों को दुधारू पशुओं के क्रय हेतु सहायता उपलब्ध करायी जा रही है जो पशु पालन के माध्यम से रोजगार करना चाह रहे हैं। योजना के अन्तर्गत 5500 लाभार्थियों को कुल 20 हजार दुधारू पशुओं हेतु 25 प्रतिशत अनुदानध् ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इससे प्रदेश में लगभग 1 लाख लीटर दूध प्रतिदिन अतिरिक्त उत्पादित होगा। दुग्ध उत्पादन को व्यावसायिक रूप से क्रियान्वित करने से उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।
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