नैनीताल: हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान राज्य सरकार द्वारा बरती गई लापरवाहियों का भुगतान वहां के लोगों को करना पड़ रहा है। महाकुंभ के दौरान हरिद्वार में सरकार द्वारा लापरवाही की गई और भारी संख्या में श्रद्धालु समेत कई संत कोरोना पॉजिटिव पाए गए। कुंभ मेले के दौरान राज्य सरकार ने बाहर से आने वाले लोगों की जांच भी करवाई मगर उसके बावजूद भी हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान कोरोना केसों के मिलने का सिलसिला जारी रहा। हरिद्वार में लगातार कोरोना बम फूट रहे हैं और तीव्रता से हरिद्वार जिले में लोग संक्रमित हो रहे हैं। कुंभ मेले के कारण यह महामारी तेजी से फैली है जो कि चिंताजनक है। तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच में जल्द ही उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है और अगर केस इसी तरह बढ़ते रहे तो चार धाम यात्रा के संचालन पर भी तमाम सवाल खड़े हो जाएंगे। अगर राज्य सरकार ने कुंभ मेले की तरह चार धाम यात्रा में भी उतनी ही लापरवाही की तो परिस्थितियां बेकाबू हो सकती हैं और पहाड़ों पर भी कोरोना फैल सकता है। कुंभ मेले के दौरान की गईं गलतियों को अगर सुधारा नहीं गया और यही गलतियां चार धाम यात्रा के दौरान भी की गईं तो उत्तराखंड में कोहराम मच जाएगा और हालात बेकाबू हो जाएंगे। इसी को देखते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा है कि तीर्थ यात्रा को दूसरा कुंभ बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को चार धाम यात्रा के लिए एसओपी जल्द से जल्द जारी करने के निर्देश दे दिए हैं।
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तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को मध्य नजर रखते हुए नैनीताल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आने वाली चार धाम यात्रा के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया जारी करने के निर्देश दे दिए हैं। उच्च न्यायालय का कहना है कि तीर्थ यात्रा को दूसरा कुंभ बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और सरकार द्वारा कोई भी लापरवाही करने की इजाजत हाईकोर्ट नहीं देगा। मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने मंगलवार को राज्य सरकार को महामारी से निपटने के आदेश दिए हैं और कहा है कि महाकुंभ के दौरान जो भी गलतियां सरकार ने की हैं उन गलतियों एवं लापरवाही को चार धाम यात्रा के दौरान करने की इजाजत हाईकोर्ट नहीं देगा और सरकार को चार धाम यात्रा से पहले सभी जरूरी तैयारियां करनी होंगी और एसओपी भी जारी करनी होगी। उसके बाद ही यात्रा का संचालन शुरू हो सकेगा।
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इसी के साथ उत्तराखंड में बेकाबू हो रहे कोरोना को मध्य नजर रखते हुए राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने कोरोना को कंट्रोल में लाने के आदेश दिए हैं।अदालत ने राज्य सरकार को राज्य के सुदूर क्षेत्रों में प्रयोगशाला की मदद से जांच करवाने के आदेश दे दिए हैं और इसी के साथ कोविड-19 की जांच की संख्या में वृद्धि करने के लिए आदेश दे दिए हैं। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त संख्या में पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी राज्य सरकार को दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकारी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन होना अनिवार्य है और निजी अस्पताल में 25 फीसदी बेड बीपीएल कार्ड धारकों के लिए आरक्षित किए जाएं। इसी के साथ सरकार से अदालत में कोविड-19 की वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में भी पूछा और राज्य सरकार को निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों और टीकाकरण केंद्र के बारे में ऑनलाइन सूचना उपलब्ध कराएं। उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को अगले 10 मई से पहले इन सभी बिंदुओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं।