उत्तराखंड देहरादूनOxygen in hospitals of uttarakhand

उत्तराखंड के अस्पतालों में कितनी बची है ऑक्सीजन? प्रभारी सचिव स्वास्थ्य बोले बड़ी बात

प्रभारी सचिव स्वास्थ्य और सरकार दावे तो बहुत कर रहे हैं, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दून में हाल ये हैं कि जब किसी एक मरीज की मौत होती है, तब कहीं जाकर दूसरे को इलाज मिल पा रहा है।

Coronavirus in uttarakhand: Oxygen in hospitals of uttarakhand
Image: Oxygen in hospitals of uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: देश में लगातार गहराते कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन को लेकर काफी दिक्कत हो रही है। दिल्ली, यूपी और गुजरात समेत कई राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए हाहाकार मचा है। मंगलवार को देहरादून में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने की खबर आई थी। हालांकि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर एक राहतभरी जानकारी दी है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य पंकज पांडे का कहना है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में तीन ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में पर्याप्त उत्पादन हो रहा है। बीते छह महीनों के दौरान यहां 8 ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाए गए हैं। इसलिए राज्य में ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी कोई कमी नहीं है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने देहरादून में बिगड़ते हालात पर भी बात की।

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उन्होंने कहा कि देहरादून में कोरोना संक्रमित मरीजों की भारी तादाद होने के चलते लोगों को थोड़ी परेशानी हो रही है, इस समस्या का समाधान भी किया जा रहा है। इस वक्त प्रदेश में 2500 से अधिक ऑक्सीजन सपोर्टर बेड खाली हैं, इसलिए घबराने वाली कोई बात नहीं है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य और सरकार भले ही मरीजों से जुड़ी हर समस्या का समाधान करने की बात कह रहे हों, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सच ये है कि देहरादून में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं धड़ाम हो गई हैं। बेड और ऑक्सीजन से लेकर आईसीयू तक के लिए मरीज दर-दर भटक रहे हैं। न तो सरकारी अस्पतालों में बेड खाली हैं, न प्राइवेट अस्पतालों में। हाल ये हैं कि जब किसी एक मरीज की मौत होती है, तब कहीं जाकर दूसरे को इलाज मिल पा रहा है। बेड न मिलने से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा, जिससे कई मरीजों की जान पर बन आई है।