उत्तराखंड हल्द्वानीDead bodies in Haldwani Muktidham

उत्तराखंड में कोरोना का कोहराम..लाशों से पटा मुक्तिधाम, अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं

मुक्तिधाम की ओर जाने वाली सड़क पर ही शवों को जलाना शुरू कर दिया। धाम के गेट से लेकर टीन शेड तक 5 शव जलते रहे।

Coronavirus in uttarakhand: Dead bodies in Haldwani Muktidham
Image: Dead bodies in Haldwani Muktidham (Source: Social Media)

हल्द्वानी: उत्तराखंड में कोरोनावायरस ने किस तरीके से कोहराम मचाया है इसकी तस्वीर आप देख सकते हैं। यह तस्वीर है हल्द्वानी के मुक्तिधाम की, जहां मंगलवार को दिन भर लाशें जलती रही। देर रात तक हालात यह हो गए थे कि लोगों ने मुक्तिधाम की ओर जाने वाली सड़क पर ही शवों को जलाना शुरू कर दिया। धाम के गेट से लेकर टीन शेड तक 5 शव जलते रहे। स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां अव्यवस्थाओं का आलम पसरा हुआ है। स्थानीय लोग कहते हैं कि मंगलवार को यहां एक एंबुलेंस पहुंची और शव को गेट पर उतार कर ही चली गई। आधे घंटे बाद जब परिजन पहुंचे तो उन्होंने शव को अपने हाथ से उठाकर चिता को आग लगाई। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यहां शवों को जलाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। पार्षद महेश कुमार का आरोप है कि यहां सैनिटाइजेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। सोमवार को 21 शव जलाए गए और मंगलवार को तो उससे कई ज्यादा शव जलाए गए। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लकड़ी लगाने से लेकर कई प्रकार की चीजों की व्यवस्था भी खुद ही करनी पड़ रही है। पार्षद राजेंद्र सिंह जीना ने मीडिया को बताया कि एंबुलेंस चालक शव जलाने के लिए 10000 मांग रहे हैं। पार्षद राजेंद्र सिंह जीना ने ही मीडिया को बताया कि एक निजी अस्पताल से देर शाम एक एंबुलेंस आई और चालक ने शव को जलाने के लिए परिजनों से 10000 रुपये की मांग रखी। जब परिजनों ने असमर्थता जताई तो एंबुलेंस चालक शव को वही रख कर चला गया। यूं समझ लीजिए कि उत्तराखंड में कोरोनावायरस का ऐसा डर है कि शमशान घाट में भी मानवता जवाब दे रही है।
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