उत्तराखंड देहरादून7 month old baby coronavirus negative in Dehradun

उत्तराखंड का नन्हा फाइटर: 7 महीने के बच्चे ने कोरोना को हराया..12 दिन में जीती जंग

कहने को ये बच्चा सिर्फ 7 महीने का है...लेकिन आज ये बच्चा आपकी सोच को सकारात्मक सोच में बदलेगा।

Coronavirus in uttarakhand: 7 month old baby coronavirus negative in Dehradun
Image: 7 month old baby coronavirus negative in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: फोटो में आप जिस बच्चे को देख रहे हैं, वो बच्चा कोरोना के बीच फैलती नकारात्मकता के बीच सकारात्मकता की तस्वीर है। कहने को ये बच्चा सिर्फ 7 महीने का है...लेकिन आज ये बच्चा आपकी सोच को सकारात्मक सोच में बदलेगा। देश और दुनिया में लोग कोरोना से बेहद तनाव में हैं। सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों को देख देखकर लोगों के दिलो दिमाग में नकारात्मकता घर कर रही है। लेकिन ये बच्चा उम्मीद की एक किरण की तरह है। शायद ये बच्चा उत्तराखंड में कोरोना को हराने वाला सबसे नन्हा विजेता होगा। 7 महीने के इस बच्चे ने 12 दिन में कोराना से जंग जीत ली। ये बच्चा 3 दिन वेंटिलेटर पर रहा। इसके बाद भी इस बच्चे ने जीवन की जंग जीत ली। बच्चा स्वस्थ हुआ तो डॉक्टरों ने इसकी अस्पताल से छुट्टी कर परिजनों को सौंप दिया। दरअसल बीती 18 अप्रैल को एक परिवार अपने 7 महीने के बच्चे को लेकर दून मेडिकल कॉलेज आए थे। ये बच्चा कोरोना संक्रमित था। आगे पढ़िए

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इसके बाद उसे तत्काल बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की देखरेख में भेजा गया। दून मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कौशिक ने बताया कि बच्चे के शरीर में कृत्रिम ऑक्सीजन लगाने के बाद भी ऑक्सीजन का स्तर 80 प्रतिशत था। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शरीर में नमक की कमी थी और बच्चे को दौरे पड़ रहे थे। इसके अलावा एक्स-रे में निमोनिया भी दिखाई दे रहा था। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर्स की टीम ने इसे वेंटिलेटर पर रखा। 3 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद बच्चे की हालत में हल्का सुधार आया। इसके बाद उसे वेंटिलेटर से निकालकर आईसीयू में ऑक्सीजन पर रखा गया। पहले दो दिन आईबी फ्लुड के जरिये फीडिंग करवाई गई। इसके बाद मां का दूध पीने के लिए डॉक्टरों की टीम ने सहमति दी। काफी मशक्कत के बाद गुरुवार बच्चे की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। ये परिवार मूल रूप से हल्द्वानी के रहने वाला है। बच्चे के पिता हिमाचल में किसी फैक्ट्री में काम करते हैं। परिवार ने डॉक्टरों का आभार जताया है