उत्तराखंड रुद्रप्रयागBhatwadi village Rudraprayag away from Coronavirus

रुद्रप्रयाग: इस खूबसूरत गांव में कोरोना आज तक नहीं फटका..शुद्ध हवा, शुद्ध पानी, शुद्ध भोजन

रुद्रप्रयाग जिले के भटवाड़ी गांव में गांव वालों की सूझबूझ का नतीजा यह है कि गांव में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है।

Coronavirus in uttarakhand: Bhatwadi village Rudraprayag away from Coronavirus
Image: Bhatwadi village Rudraprayag away from Coronavirus (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: कोरोना वायरस तेजी से पूरे प्रदेश में फैल रहा है और लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। पहले यह वायरस मैदानी जिलों में अधिक सक्रिय था मगर जैसे-जैसे केस बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे ही यह वायरस पहाड़ी इलाकों में भी तेजी से फैल रहा है और लोग संक्रमित हो रहे हैं। पहाड़ों पर इस वायरस का फैलना बेहद चिंताजनक है। इसी बीच रुद्रप्रयाग से एक प्रेरणादायक खबर सामने आ रही है। यह खबर दर्शाती है कि अगर सूझबूझ से काम लें तो वायरस को हराना नामुमकिन नहीं। जहां एक और पूरे प्रदेश में हर जगह लोग इस संक्रमण से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर रुद्रप्रयाग जिले में एक ऐसा गांव है जहां पर कोरोना का नामोनिशान तक नहीं है। गांव वालों की सूझबूझ से गांव में एक भी कोरोना का संक्रमित मौजूद नहीं है और गांव में लोग चिंता मुक्त हो रखे हैं। यह गांव है रुद्रप्रयाग जिले का भटवाड़ी गांव। इस गांव में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है। जहां एक ओर पहाड़ों पर भी यह जानलेवा वायरस तेजी से फैल रहा है और लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है वहीं दूसरी ओर इस गांव में सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं। गांव वालों ने अपनी सूझबूझ से पूरे गांव को इस वायरस से बचा रखा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस गांव के अंदर बड़ी संख्या में प्रवासी वापस लौटे हैं मगर गांव वालों ने बिना किसी की मदद के कारण आइसोलेशन की बेहतर सुविधा की हुई है जिस कारण गांव में कोरोना वायरस नहीं फैल सका है। भटवाड़ी गांव अगस्त्यमुनि ब्लॉक के दूरस्थ गांवों में से एक है। यहां पर ग्रामीण सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए न केवल मास्क का प्रयोग कर रहे हैं मगर हमेशा ही 2 गज की दूरी भी बना कर रख रहे हैं।

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जिला मुख्यालय से बद्रीनाथ मार्ग पर घोलतीर से 2 किलोमीटर पैदल अलकनंदा के दूसरे छोर पर यह गांव स्थित है। इस गांव के अंदर को 63 परिवार रहते हैं। यह तो सब जानते होंगे उत्तराखंड के अन्य गांवों में बीते 1 वर्षों में कोरोना के फैलने का मुख्य कारण प्रवासियों का आगमन ही रहा है। मगर भटवाड़ी गांव में प्रवासियों के लौटने के बावजूद भी इस संक्रमण का नामोनिशान तक मौजूद नहीं है। भटवाड़ी गांव में भी बड़ी संख्या में प्रवासी वापस लौटे हैं। पिछले 1 वर्ष से इस गांव के अंदर दिल्ली, मुंबई बैंगलोर और गुजरात समेत देश के अलग-अलग कोनों से 41 प्रवासी अपने घरों की ओर वापस लौटे हैं। यह वे राज्य है जहां पर कोरोना बेकाबू हो रखा है मगर उसके बाद भी गांव के अंदर कोरोना का एक भी मरीज नहीं दिखाई दिया है। यह गांव वालों की सूझबूझ का नतीजा है कि उन्होंने अपने गांव में कोरोना का पनपने दिया और गांव को इस वायरस से बचाए रखा। बता दें कि जब कोरोना की पहली लहर आई थी तभी यह गांव सावधान हो गया था और गांव में मौजूद इंटर कॉलेज को क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया गया था। तब बड़ी संख्या में प्रवासी गांव में पहुंचे थे जिनको इस विद्यालय में क्वॉरेंटाइन किया गया। अब कोरोना की दूसरी लहर भी तेजी से फैल रही है और इस बीच एक बार फिर से प्रवासी अपने अपने गांव की तरफ लौट रहे हैं। पहले की तरह ही अब भी भटवाड़ी गांव आने वाले सभी निवासियों को गांव के अंदर प्रवेश से पहले क्वॉरेंटाइन सेंटर में कुछ दिन रखा जा रहा है और उनसे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोविड के अन्य नियमों का भी पालन सख्ती से करवाया जा रहा है।

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कोरोना की दूसरी लहर आने के बावजूद भी इस गांव के अंदर एक भी संक्रमित मरीज का न होना गांव वालों की सूझबूझ को दर्शाता है और उनकी कोरोना को लेकर जागरूकता को भी दर्शाता है। भटवाड़ी गांव के लोगों ने अपनी जागरूकता की मिसाल पेश की है। गांव के शिक्षक सत्येंद्र भंडारी, प्रवीण सिंह चौहान समेत आधा दर्जन लोग हमेशा गांव वालों को कोरोना प्रति जागरूक करने का काम करते हैं और इसी के साथ गांव में साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान दिया जाता है। गांव में लोग अपने घरों से बेहद कम बाहर निकलते हैं और जरूरी काम पड़ने पर ही बाजार जाते हैं। गांव की उप प्रधान मीरा देवी का कहना है कि कोरोना को लेकर पूरा गांव संवेदनशील है। सरकार की ओर से उनको जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं वे उनका पालन करते हैं और किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतते हैं।