उत्तराखंड पिथौरागढ़90 years old grandmother is now fit from coronavirus in Pithoragarh

ये हैं पहाड़ की 90 साल की दादी..मजबूत हौसले से दी कोरोना को मात, आप भी इनसे सीखिए

पिथौरागढ़ की 90 वर्षीय हरिप्रिया पंत ने कोरोना को मात दे दी है। संक्रमित होने के दौरान कई बार उनकी हालत खराब हुई, कई बार वे बेहोश भी हुईं मगर अंततः उनकी जीत हुई। पढ़िए यह पॉजिटिव खबर-

Coronavirus Pithoragarh: 90 years old grandmother is now fit from coronavirus in Pithoragarh
Image: 90 years old grandmother is now fit from coronavirus in Pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: कोरोना का खौफ अपने चरम पर है। घर में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने के बाद जैसे लोगों के होश उड़ जाते हैं। पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही शारीरिक रूप से ज्यादा मरीज मानसिक रूप से टूट जाता है। आसपास की तमाम बुरी खबरें सुनकर लोग डर जाते हैं। अधिक उम्र वालों के लिए कोरोना वायरस खतरनाक बताया गया है। मगर कहते हैं न कि जिनमें इच्छाशक्ति होती है, जीने की अभिलाषा होती है वे मौत को भी मात दे कर वापस लौट आते हैं। फिर चाहे मृत्यु कितना भी जोर लगाए, अगर जीने की अभिलाषा है तो वह भी वापस लौट जाती है। आज हम एक ऐसी ही पॉजिटिव खबर आपके लिए पिथौरागढ़ से लाए हैं। पिथौरागढ़ की 90 वर्षीय हरिप्रिया पंत ने कोरोना को मात दे दी है और पूर्णतः स्वस्थ हो गई हैं। जी हां, एक बुजुर्ग व्यक्ति के लिए इस वायरस को हराना मुश्किल जरूर है मगर नामुमकिन नहीं। अगर मानसिक तौर पर स्थिरता हो तो असंभव कुछ भी नहीं है। हरिप्रिया पंत ने कोरोना को मात दे दी है और घर लौट चुकी हैं। संक्रमित होने के दौरान कई बार उनकी हालत खराब हुई, कई बार वे बेहोश भी हुईं मगर अंततः उनकी जीत हुई और वायरस की हार।

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हरिप्रिया ने अपने पुत्र और अपनी बहू को अपने जीवन का दाता बताया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों के बिना मेरा बचना असंभव था। बता दें कि पिथौरागढ़ की निवासी 90 वर्षीय हरिप्रिया पंत को हाल ही में कोरोना संक्रमण हो गया था। हालत इतनी खराब हो गई थी कि वे घर पर ही बेहोश हो गईं। मगर उनके पुत्र प्रकाश पंत और उनकी पत्नी गीता पंत ने संक्रमित हरिप्रिया पंत की खूब सेवा की। उनको कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया। मां को वार्ड में भर्ती कराने के बाद उनके बेटे और उनकी उनको अकेला नहीं छोड़ा और लगातार उनकी सेवा करते रहे। श्रवण कुमार जैसे पुत्र प्रकाश पंत अपनी मां की सेवा के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए कोविड के वार्ड के अंदर घुस गए और उन्होंने 6 दिनों तक अपनी मां की दिन-रात सेवा की। मां बेहोश होती रहीं तो प्रकाश उनके मुंह मे फलों का जूस डालते रहे। मां को मुश्किल से ही सही मगर उन्होंने खाना खिलाया। समय-समय पर ऑक्सीजन चेक करते रहे। रात-रात भर जाग कर अपनी सेहत की परवाह करे बगैर मां को ऑक्सीजन देते रहे। उनकी पत्नी गीता पंत ने भी अपने पति का पूर्ण सहयोग दिया और अपनी इच्छाशक्ति एवं और बहु एवं बेटे के त्याग और उनकी सेवा के कारण हरिप्रिया पंत पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं और उन्होंने कोरोना को मात दे दी है। हरिप्रिया पंत ने अपनी बहु और बेटे को अपने जीवन का दाता बताया है और उन्होंने कहा है कि उनके बेटे और बहू ने उनको संक्रमण के समय भी अकेला नहीं छोड़ा और दिन-रात उनकी सेवा की और उन्हीं के कारण वे आज जिंदा हैं और स्वस्थ हैं।