बागेश्वर: उत्तराखंड में अब कोरोना के साथ ही प्रकृति भी यहां के लोगों के ऊपर तरस नहीं खा रही है। लगातार 3 दिनों से बरसात के कारण उत्तराखंड में अफरा-तफरी मची हुई है। राज्य में बीते 36 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। इसी बीच बागेश्वर की पिंडर घाटी से एक अजीबोगरीब खबर आ रही है। गर्मी के मौसम में बागेश्वर में शीत लहर चल रही है। जी हां, पिंडर घाटी में हिमपात होने से मई में ही शीतलहर चलने से लोग भी हैरान हैं। बता दें कि बीते 3 दिनों से बागेश्वर जिले में बरसात हो रही है और पिंडर घाटी में हिमपात होने से मई महीने में ही दिसंबर की तरह शीतलहर चलने लगी है। केवल यही ही नहीं भारी बारिश से सड़कों पर भी भारी असर पड़ा है। बागेश्वर के चार मोटर मार्ग भी पूरी तरह बंद हो गए हैं और यहां पर वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है। यहां बागेश्वर-दफौट, भयूं-गुलेर, कपकोट-पोङक्षथग, उत्तरौड़ा, जौलकांडे-शीशाखानी मोटर मार्ग मलबा गिरने के कारण आवागमन के लिए पूरी तरह बंद हो रखे हैं। वहीं आरे- मंडलसेरा में चीड़ का पेड़ गिरने से बाईपास सड़क पूरी तरह बंद हो चुकी है। यहां पर ग्रामीण क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा भी काफी बढ़ चुका है।
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मंडलसेरा के निवासी मोहन राम के मकान का आंगन बारिश की चपेट में आ गया है और भूस्खलन के कारण ध्वस्त हो गया है। वहीं मंडलसेरा गांव में भूस्खलन के कारण अन्य मकानों पर भी खतरा मंडराने लगा है। इसके अलावा आरे-मंडलसेरा बाईपास पर पेड़ गिरने से वाहनों के लिए आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। वहीं दानपुर घाटी में भी सड़कों पर मलबा आने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई हैं और यहां पर भी लोग आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल का कहना है कि बागेश्वर जिले में पिछले 3 दिनों से भारी बरसात हो रही है और मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी भारी बरसात की आशंका जताई गई है। इसी को देखते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागों को अलर्ट कर दिया है। भूस्खलन के कारण बागेश्वर की 4 सड़कें आवागमन के लिए अभी तक बंद हो रखी हैं और इन सड़कों पर लोडर मशीनों को भेज दिया गया है ताकि जल्द से जल्द सड़कों पर से मलबा हटाया जा सके और सड़कें आवाजाही के लिए खुल सकें।